
अपराजिता के फूल जितने खूबसूरत होते हैं, उतने ही इस पौधे में औषधीय गुण भी होते हैं. इसके नीले-सफेद फूल न सिर्फ आपके होम गार्डन को सुंदर बनाएंगे, बल्कि आयुर्वेद के अनुसार यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. यह तनाव कम करता है और त्वचा की देखभाल के लिए भी उपयोगी है. घर पर अपराजिता उगाना आसान है और इसे गमले या जमीन दोनों में उगाया जा सकता है.
कैसे उगाएं अपराजिता?
अपराजिता एक तेजी से बढ़ने वाली बेल है, जिसके फूल तितली जैसे दिखते हैं. इसलिए इसे अंग्रेजी में "बटरफ्लाई पी" भी कहते हैं. इसके फूल, पत्तियां और जड़ें आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होती हैं. यह मेमोरी बढ़ाने, तनाव कम करने और बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. घर पर अपराजिता उगाने से आपका बगीचा सुंदर दिखता है और आपको प्राकृतिक औषधि भी मिलती है.
ये चीज़ें हैं ज़रूरी
अपराजिता उगाने के लिए सबसे पहले बीज या 6-8 इंच लंबी ताजी कटिंग लें. इसे लगाने के लिए 12-15 इंच का गमला लें. अगर यह प्लास्टिक का है तो ध्यान रहे कि इसमें जल निकासी के लिए छेद हों. इसमें दोमट मिट्टी, रेत और जैविक खाद का मिश्रण (2:1:1 अनुपात में) डालें. बेल को चढ़ाने के लिए बांस की स्टिक, ट्रेलिस या जाली की ज़रूरत होगी. उसका भी इंतज़ाम करें. इसे ऐसी जगह रखें जहां सुबह की धूप और हल्की छाया मिले.
ऐसे लगाएं अपराजिता
1. सबसे पहले बीज या कटिंग चुनें. अपराजिता को बीज या कटिंग दोनों से उगाया जा सकता है. बीज आसानी से नर्सरी या ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं. अगर कटिंग ले रहे हैं, तो स्वस्थ पौधे से 6-8 इंच की ताजी कटिंग लें, जिसमें 2-3 गांठें हों. अगर आप बीज से उगा रहे हैं, तो बीज को रातभर गुनगुने पानी में भिगोएं. इससे बीज का बाहरी सख्त आवरण नरम हो जाता है और अंकुरण तेजी से होता है.
2. इसके बाद गमला और मिट्टी तैयार करें. गमले में जल निकासी के लिए छेद होना जरूरी है, ताकि पानी जमा न हो. मिट्टी, रेत और खाद का मिश्रण तैयार करें. मिट्टी को हल्का नम करें, लेकिन गीली न करें. अगर बीज से पौधा उगा रहे हैं तो मिट्टी में 1-2 इंच की गहराई पर 2-3 बीज डालें. बीजों के बीच 4-5 इंच का फासला रखें. ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर ढक दें.
3. अगर कटिंग लगा रहे हैं तो कटिंग को मिट्टी में 2-3 इंच गहराई तक तिरछा लगाएं. गांठों को मिट्टी के नीचे दबाएं, क्योंकि यहीं से जड़ें निकलेंगी. इसके बाद पानी दें. बीज या कटिंग लगाने के बाद स्प्रे से हल्का पानी डालना चाहिए. मिट्टी को नम रखें, लेकिन गमले में पानी न भरें. बीज से उगाए गए पौधे में 7-10 दिनों में अंकुरण शुरू हो जाता है, जबकि कटिंग से 2-3 हफ्तों में जड़ें निकलने लगती हैं.
4. अपराजिता एक बेल है, इसलिए इसे चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है. गमले में बांस की स्टिक, ट्रेलिस या जाली लगाएं. जैसे-जैसे बेल बढ़े, इसे सहारे पर लपेटते रहें. एक समय पर बेल खुद भी सहारे से लिपटकर ऊपर की ओर रास्ता निकालने लगेगी.
देखभाल में रखें ये ध्यान
अपराजिता को सुबह की धूप और दोपहर में हल्की छाया पसंद है. इसे ऐसी जगह रखें जहां 4-6 घंटे धूप मिले. ज्यादा तेज धूप से पत्तियां मुरझा सकती हैं. गर्मियों में हर 2-3 दिन में पानी दें ताकि मिट्टी नम रहे. सर्दियों में हफ्ते में एक बार पर्याप्त है. ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं. हर 4-6 हफ्ते में जैविक खाद या गोबर की खाद डालें. तरल खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट टी भी अच्छा विकल्प है.
अपराजिता आमतौर पर कीटों से सुरक्षित रहता है, लेकिन अगर एफिड्स या मकड़ी के कीट दिखें, तो नीम के तेल का छिड़काव करें. जब बेल बहुत घनी हो जाए, तो पुरानी या सूखी पत्तियों और तनों को काट दें. इससे पौधा स्वस्थ रहता है और नए फूलों का विकास होता है.
अपराजिता की कटाई और उपयोग
अपराजिता के फूल और पत्तियां 3-4 महीने बाद उपयोग के लिए तैयार हो जाते हैं. फूलों को सुबह के समय तोड़ें, जब वे ताजे हों. इनका उपयोग हर्बल चाय, काढ़ा या स्किन केयर में किया जा सकता है. जड़ों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं के लिए होता है, लेकिन इसे विशेषज्ञ की सलाह के बिना कुछ न करें. अपराजिता की चाय मेंटल हेल्थ सुधारने और तनाव कम करने में मदद करती है.
ये सावधानियां भी जरूरी
ज्यादा पानी देने से बचें, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं. बीज या पौधे को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें. औषधीय उपयोग से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लें, खासकर अगर आप गर्भवती हैं या कोई दवा ले रहे हैं. अपराजिता का पौधा उगाना न केवल आपके घर को सुंदर बनाता है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. चाहे आप इसे सजावट के लिए उगाएं या औषधीय उपयोग के लिए, अपराजिता आपके बगीचे का एक शानदार हिस्सा बनेगा.