देशभर में बढ़ते ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों पर रोक लगाने के लिए गुजरात के इनोवेटर मिथिलेश पटेल ने एक अनोखा समाधान खोज निकाला है. उन्होंने एक ऐसा डिवाइस “कवच” (Kavach) विकसित किया है जो नशे में वाहन चलाने वालों को रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकता है.
भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर सख्त कानूनी प्रावधान हैं. पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना या 6 महीने की जेल, जबकि दूसरी बार 15 हजार रुपये जुर्माना और दो साल की सजा हो सकती है. इसके बावजूद सड़कों पर नशे में वाहन चलाने के मामले थम नहीं रहे हैं. यही वजह है कि तकनीक के जरिये समाधान तलाशने की जरूरत महसूस की जा रही थी.
मिथिलेश पटेल की इनोवेशन है ‘कवच’
मिथिलेश पटेल, जो अपने इनोवेशन के लिए ‘सोनम वांगचुक’ जैसे माने जा रहे हैं, ने पहले सरकारी दफ्तरों में शराब पीकर आने वालों की पहचान के लिए एक डिवाइस बनाई थी. उसी तकनीक को उन्होंने अब और उन्नत बनाते हुए ड्रिंक एंड ड्राइव प्रोटेक्शन डिवाइस “कवच” का रूप दिया है.
मिथिलेश का कहना है कि यह डिवाइस वाहन में लगाया जा सकता है. जैसे ही चालक या उसके साथ बैठा व्यक्ति शराब पीता है और उसका स्तर तय सीमा से अधिक होता है, तो यह सिस्टम वाहन की इग्निशन या ईंधन सप्लाई बंद कर देता है. इसके साथ ही, यह पुलिस या वाहन मालिक को ईमेल अलर्ट भेजता है जिसमें अल्कोहल का स्तर दर्ज होता है.
अलर्ट सिस्टम और स्मार्ट मॉनिटरिंग फीचर
यदि कोई व्यक्ति डिवाइस को बाईपास कर गाड़ी चलाने की कोशिश करता है, तो ‘कवच’ हर 15 सेकंड में अल्कोहल स्तर स्कैन करता है. अधिक मात्रा में शराब पाए जाने पर वाहन की विंडशील्ड के पास लाल चेतावनी बत्ती जल उठती है, जो बाहर खड़े पुलिसकर्मियों को तुरंत नजर आती है. वहीं, कम मात्रा में शराब होने पर पीली चेतावनी दी जाती है.
‘कवच’ को सिर्फ वाहनों तक सीमित नहीं रखा गया है. मिथिलेश का कहना है कि इसे ड्रोन पर भी लगाया जा सकता है, जिससे शराब डिपो या भंडारण स्थलों की हवा से स्कैनिंग की जा सके. इसके अलावा यह डिवाइस सरकारी या कॉर्पोरेट कार्यालयों में भी उपयोगी है, जहां नशे में कर्मचारियों के प्रवेश को रोकना आवश्यक होता है.
ओपन सोर्स तकनीक से बढ़ेगा इनोवेशन
मिथिलेश पटेल ने बताया कि उनके पास 140 पेटेंट हैं, जिनमें से 101 को ओपन सोर्स घोषित किया गया है ताकि शैक्षणिक संस्थान और स्टार्टअप्स इस तकनीक को आगे बढ़ा सकें. उनका मानना है कि गुजरात और बिहार जैसे शराबबंदी वाले राज्यों में यह डिवाइस विशेष रूप से उपयोगी साबित हो सकती है.