
हिसार, हरियाणा: इच्छाशक्ति, हिम्मत और दृढ़ संकल्प के बल पर इंसान असंभव को भी संभव बना सकता है. इस बात को साबित किया है हिसार के आर्य नगर के निवासी महेश कुमार कालोड ने, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश के माउंट मणिरंग की 6,593 मीटर ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराकर और सूर्य नमस्कार करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले महेश, जो एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, ने माइनस सात डिग्री के कठिन मौसम में भी हार नहीं मानी और अपनी इस उपलब्धि से देश का नाम रोशन किया है. उनकी इस उपलब्धि ने न केवल हिसार, बल्कि पूरे हरियाणा को गौरवान्वित किया है.
महेश कुमार का प्रेरणादायक सफर
महेश कुमार ने अपनी इस यात्रा की शुरुआत हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आशीर्वाद लेकर की थी. सीएम ने उन्हें तिरंगा झंडा सौंपकर इस अभियान के लिए शुभकामनाएं दी थीं. महेश का अगला लक्ष्य विश्व की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट को फतह करना है. इस अभियान में वे 25 पर्वतारोहियों के समूह में हरियाणा से एकमात्र प्रतिभागी थे.
17 अगस्त को बारिश और खराब मौसम के बीच शुरू हुई उनकी चढ़ाई 18 अगस्त को बेस कैंप तक पहुंची और 25 अगस्त 2025 को उन्होंने माउंट मणिरंग की चोटी पर तिरंगा लहराया. इस दौरान उन्होंने न केवल देश का गौरव बढ़ाया, बल्कि निफा (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स) के सिल्वर जुबली लोगो को भी प्रदर्शित किया.
एक चुनौतीपूर्ण चोटी
माउंट मणिरंग, जो हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले की सीमा पर स्थित है, 6,593 मीटर की ऊंचाई के साथ एक चुनौतीपूर्ण चोटी है. यह चोटी ऐतिहासिक रूप से स्पीति घाटी और किन्नौर के बीच व्यापारिक मार्ग के रूप में महत्वपूर्ण रही है. माइनस सात डिग्री के तापमान और कठिन परिस्थितियों में महेश ने न केवल इस चोटी को फतह किया, बल्कि वहां सूर्य नमस्कार करके एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड भी बनाया. महेश ने बताया कि इतनी ऊंचाई पर सूर्य नमस्कार करने वाला वे पहला पर्वतारोही हैं. यह उपलब्धि उनकी शारीरिक और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक है.
महेश की पिछली उपलब्धियां
महेश कुमार का यह पहला कारनामा नहीं है. इससे पहले भी उन्होंने कई चोटियों को फतह किया है:
-2022: लेह-लद्दाख की यूनान चोटी (6,100 मीटर) पर तिरंगा लहराया.
-2021: मनाली की फ्रेंडशिप चोटी (5,342 मीटर) को 18 अगस्त को फतह किया.
इन उपलब्धियों ने महेश को एक प्रेरणादायक पर्वतारोही के रूप में स्थापित किया है. उनकी मेहनत, लगन और देशभक्ति ने उन्हें युवाओं के लिए एक आदर्श बना दिया है.
सपनों को साकार करने की प्रेरणा
महेश कुमार का यह सफर ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं. हिसार के आर्य नगर के रहने वाले महेश एक निजी कॉलेज, ODM कॉलेज मुकलान, में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य करते हैं. उनके पिता दाना राम ने इस अभियान में उनका पूरा साथ दिया. निफा के संस्थापक अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू, डॉ. अजीत ओडियम, सुमित पहूजा, नरेंद्र पर्वतारोही, भूपेंद्र, नक्षत्र सिंह, सुनीता यादव और अशोक लंबा जैसे लोगों ने महेश की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है.
हरियाणा का गौरव
महेश कुमार ने इस अभियान में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए एकमात्र प्रतिभागी के रूप में हिस्सा लिया. उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके गांव और जिले, बल्कि पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है. माउंट मणिरंग की चोटी पर तिरंगा लहराकर और सूर्य नमस्कार करके उन्होंने देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी विश्व पटल पर प्रदर्शित किया. सूर्य नमस्कार, जो भारतीय योग परंपरा का अभिन्न अंग है, को इतनी ऊंचाई पर करना न केवल शारीरिक बल, बल्कि मानसिक शक्ति और आध्यात्मिकता का भी प्रतीक है.
माउंट एवरेस्ट का सपना
महेश ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करना है. इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए वे पहले से ही तैयारी में जुट गए हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आशीर्वाद और प्रोत्साहन उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा है. महेश का कहना है कि उनके परिवार, खासकर उनके पिता, और उनके समुदाय का समर्थन उनकी सफलता का आधार रहा है.
महेश कुमार की यह उपलब्धि न केवल एक व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. माउंट मणिरंग की चोटी पर तिरंगा लहराकर और सूर्य नमस्कार करके महेश ने न केवल विश्व रिकॉर्ड बनाया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी विश्व के सामने प्रस्तुत किया. उनकी यह कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है, जो अपने सपनों को सच करने की हिम्मत रखता है.
(प्रवीण कुमार की रिपोर्ट)