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Wedding Nanny: शादी में बच्चों की देखभाल से करोड़ों कमा रही यह महिला, क्या है वेडिंग नैनी का कॉन्सेप्ट? जानिए

Wedding Nanny: शादी-पार्टी में वेडिंग नैनी की टीम बच्चों को संभालने का काम करती है, जिससे मां-बाप बेफिक्र होकर पार्टी एन्जॉय कर सकें.

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हाइलाइट्स
  • छोटे परिवार में बढ़ी नैनी की जरूरत

  • 1 दिन की फीस 88 हजार रुपए

शादी-ब्याह में जहां बड़े लोग डांस और पार्टी में बिजी होते हैं, वहीं कई बार बच्चों की देखभाल सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है. लेकिन अमेरिका की एक महिला ने इसी परेशानी को अपनी कमाई का जरिया बना लिया. न्यूयॉर्क की सैंड्रा वियर आज सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. वो शादी या किसी बड़े इवेंट में बच्चों की देखभाल करती हैं और इसके लिए एक दिन का 1,000 डॉलर यानी करीब 88 हजार रुपए तक चार्ज करती हैं.

एक शादी से बदली जिंदगी
सैंड्रा पिछले 11 साल से बेबीसिटिंग कर रही थीं. लेकिन 2024 में हुई एक शादी ने उनकी जिंदगी बदल दी. उन्हें एक वेडिंग में चार बच्चों को संभालने का काम मिला. उस शादी में मेहमान लगातार उनसे पूछते रहे कि क्या वह ऐसी सेवा हर इवेंट के लिए देती हैं? तभी सैंड्रा के मन में ‘वेडिंग नैनी एनवाईसी’ शुरू करने का आइडिया आया. आज वो अपनी टीम के साथ मिलकर शादी में प्रोफेशनल तरीके से बच्चों को संभालती हैं.

4 नैनीज की टीम के साथ जाती हैं सैंड्रा
सैंड्रा और उनकी टीम शादी के दिन ब्लैक टी-शर्ट्स में अपने ब्रांड लोगो के साथ पहुंचती हैं. वे बच्चों के लिए गेम्स, आर्ट-क्राफ्ट, कहानी सुनाने और सोने के रूटीन तक पूरा काम संभालती हैं ताकि उनके माता-पिता बिना किसी परेशानी के शादी एन्जॉय कर सकें. बड़े इवेंट्स में वह चार नैनीज की टीम लेकर जाती हैं.

1 दिन की फीस 88 हजार रुपए
सैंड्रा का पैकेज 12 घंटे की सर्विस के लिए 1,000 डॉलर (करीब 88,000 रुपए) से शुरू होता है. अगर ज्यादा बच्चे हों या समय बढ़ाना हो तो प्रति नैनी 65 डॉलर (करीब 5,800 रुपए) प्रति घंटा चार्ज किया जाता है. सैंड्रा बताती हैं कि इस काम में इंश्योरेंस, ट्रेनिंग और अन्य खर्चे भी होते हैं, इसलिए उनकी फीस ज्यादा लग सकती है, लेकिन सेवा पूरी तरह प्रोफेशनल होती है. शादी से पहले वह हर परिवार से विस्तार से बात करती हैं जैसे बच्चों की सेफ्टी, एलर्जी, और उनकी पसंद-नापसंद तक जान लेती हैं.

छोटे परिवार में बढ़ी नैनी की जरूरत
भारत में नैनी का कॉन्सेप्ट नया नहीं है. पुराने समय में उन्हें ‘आया’ या ‘दाई’ कहा जाता था. यह परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही है जब रईस परिवार अपने बच्चों की देखभाल के लिए आया रखे रहते थे. पहले ये महिलाएं घर में ही रहती थीं और बच्चों को अपने जैसे संभालती थीं. आज के समय में परिवार छोटे हो गए हैं और माता-पिता दोनों नौकरी करने लगे हैं. ऐसे में नैनी या केयरटेकर रखना एक जरूरत बन गई है. पहले जहां दादा-दादी या नानी-दादी बच्चों की देखभाल करते थे, अब उनकी जगह प्रोफेशनल नैनीज ने ले ली है.

भारत में चाइल्ड केयर मार्केट 83,600 करोड़ रुपए का
भारत में 2024 में चाइल्ड केयर मार्केट करीब 83,600 करोड़ रुपए का था. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह 2033 तक बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा. मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इसकी मांग सबसे ज्यादा है. अब कई स्टार्टअप कंपनियां ट्रेनिंग और वेरिफिकेशन के साथ नैनी और जापा केयरगिवर उपलब्ध कराती हैं.