
अक्सर ऐसा होता है कि अचानक आपकी कार की बैटरी डेड हो जाती है, जिसके बाद गाड़ी स्टार्ट नहीं होती. यह स्थिति खासतौर पर तब ज्यादा परेशानी खड़ी कर देती है जब आप किसी सुनसान जगह पर हों और आसपास मदद के लिए कोई मौजूद न हो. ऐसे समय में ड्राइवर सबसे ज्यादा घबराता है, लेकिन अगर आपको कुछ आसान तरीके पता हों तो आप खुद ही अपनी कार को स्टार्ट कर सकते हैं और मुश्किल से बाहर निकल सकते हैं. आइए जानते हैं कार की बैटरी डेड होने पर उसे स्टार्ट करने के आसान तरीके.
पुराना लेकिन भरोसेमंद तरीका
सबसे आसान और पुराना तरीका है कार को धक्का देकर स्टार्ट करना. इसके लिए सबसे पहले कार को न्यूट्रल गियर में डालें और इग्निशन ऑन करें. किसी को गाड़ी के अंदर ड्राइवर सीट पर बैठाएं. अब किसी से कहें कि वह कार को पीछे से धक्का लगाए. जैसे ही कार थोड़ी स्पीड पकड़ ले, क्लच दबाकर दूसरे या तीसरे गियर में डालें और धीरे-धीरे क्लच छोड़ दें.
अक्सर इस प्रक्रिया से इंजन स्टार्ट हो जाता है. अगर पहली बार में कार स्टार्ट न हो तो घबराएं नहीं, दोबारा कोशिश करें. यह तरीका भले ही पुराना हो, लेकिन आज भी कई ड्राइवर इस पर भरोसा करते हैं क्योंकि यह इमरजेंसी में बहुत मददगार साबित होता है.
जंपर केबल का इस्तेमाल है सबसे सुरक्षित उपाय
बैटरी डेड होने पर कार को स्टार्ट करने का दूसरा आसान तरीका है जंपर केबल का इस्तेमाल करना. इसके लिए आपको दूसरी कार की जरूरत होगी. सबसे पहले दोनों कारों को पास-पास खड़ा करें और ध्यान रखें कि दोनों के इंजन बंद हों.
अब जंपर केबल को दूसरी कार की बैटरी से जोड़कर अपनी कार की बैटरी में लगाएं. इसके बाद स्टार्ट करने की कोशिश करें. आमतौर पर इस तरीके से कार तुरंत स्टार्ट हो जाती है. यही वजह है कि विशेषज्ञ हमेशा सलाह देते हैं कि अपनी कार में जंपर केबल जरूर रखें, क्योंकि यह इमरजेंसी में बेहद काम आता है और आपको समय पर मदद मिल सकती है.
स्टार्ट करने के बाद ध्यान रखने योग्य बातें
एक बार आपकी कार स्टार्ट हो जाए, चाहे वह धक्का देकर हो या जंपर केबल से, तो उसे तुरंत बंद न करें. कार को कम से कम 20 से 30 मिनट तक चलाते रहें या थोड़ी दूरी तक ड्राइव करें. ऐसा करने से बैटरी दोबारा चार्ज हो जाएगी और आपकी गाड़ी सही तरीके से चलने लगेगी.
इसके अलावा, बैटरी की स्थिति को नजरअंदाज न करें. स्टार्ट होने के बाद जल्द से जल्द बैटरी की जांच करवाएं. अगर बैटरी की हालत खराब है या वह ज्यादा पुरानी हो चुकी है, तो उसे बदलवाना ही सबसे सही विकल्प होगा. इससे आगे चलकर आपको फिर से बैटरी डेड होने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी.