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Truth Benind Senta outfit: हरे-नीले कपड़े छोड़ कैसे लाल-सफेद में आ गए सांता? वजह है चौंकाने वाली

अगर मैं कहूं कि आज जो सांता आप देख रहे हैं वह असल नहीं है तो आप भी सोचेंगे कि मैं मजाक कर रही हूं. लेकिन मैं मजाक नहीं कर रही. जानें कैसे असल सांता को बदल कर दुनिया के आगे एक अलग सांता पेश किया गया. जो असल सांता से एकदम अलग था.

कैसे लाल-सफेद में आ गए सांता? कैसे लाल-सफेद में आ गए सांता?
हाइलाइट्स
  • कैसे लाल-सफेद में आ गए सांता

  • वजह है चौंकाने वाली

  • एक कैंपेन ने बदल दी सांता की पहचान

आज सांता क्लॉज का नाम लेते ही आंखों के सामने एक हंसते हुए बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर आ जाती है, जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों को तोहफे बांटते नजर आते हैं. लेकिन यह छवि हमेशा से ऐसी नहीं थी. शुरुआती दौर में सांता क्लॉज हरे, नीले, भूरे लाल और अलग-अलग रंगों के कपड़ों में कहानियों और प्ले में दिखाए जाते थे. तो सवाल यह है कि आखिर हरे-नीले कपड़े छोड़कर सांता की पहचान सिर्फ लाल-सफेद कपड़ों तक ही कैसे सिमट कर रह गई.

सांता क्लॉज का सफर
सांता क्लॉज की कहानी की शुरुआत चौथी शताब्दी के संत सेंट निकोलस से जुड़ी मानी जाती है. सेंट निकोलस एक धार्मिक व्यक्ति थे और जरूरतमंदों की मदद किया करते थें. उनके दिन चर्या के पहनावे में कोई खास रंग तय नहीं था. धीरे-धीरे जब सेंट निकोलस की कहानियां बच्चों तक पहुंचीं, तो कलाकारों और लेखकों ने अपनी कल्पना के अनुसार उनकी तस्वीरें बनानी शुरू कर दी. इसी वजह से 19वीं सदी तक सांता क्लॉज की कोई एक फिक्स ड्रेस में नहीं दिखाया गया था. यूरोप के अलग-अलग हिस्सों में कलाकारों ने उन्हें अलग अंदाज में बच्चों के आगे पेश किया.

1800 के दशक में अमेरिका और यूरोप में सांता क्लॉज को लेकर कई कविताएं और चित्र बनाए जाने लगें. इस दौर में कहीं सांता को हरे कोट में दिखाया गया, तो कहीं नीले या भूरे रंग के कपड़ों में. कुछ चित्रों में सांता गंभीर और दुबले नजर आते थे, तो कहीं मोटे और हंसमुख. यानी उस समय तक सांता क्लॉज का कोई फिक्स लुक तय नहीं किया गया था. लेकिन 1900 के बीच दौर में एक ऐस कैंपेन लॉन्च किया गया जिसने दुनिया भर में सांता की छवि ही बदल डाली .

Pic Credit- The Coca-Cola company
{Pic Credit- The Coca-Cola company }

एक कैंपेन ने बदल दी सांता की पहचान
सांता क्लॉज को लाल-सफेद ड्रेस में दुनिया भर में मशहूर बनाने का श्रेय Coca-Cola कंपनी को जाता है. साल 1931 में Coca-Cola ने अपने क्रिसमस विज्ञापन अभियान के लिए सांता की एक नई छवि तैयार करवाई. इस कैंपेन के लिए मशहूर आर्टिस्ट Haddon Sundblom ने सांता की तस्वीरें बनाईं. उन्होंने सांता को मोटा-सा, खुशमिजाज जो हमेशा मुसकुराता नजर आता है, लाल कोट और सफेद फर की बॉर्डर वाली ड्रेस में दिखाया. दरअसल लाल और सफेद रंग Coca-Cola के ब्रांड कलर हैं. विज्ञापन में सांता को इन रंगों में दिखाने से कंपनी का ब्रांड मैसेज भी मजबूत हुआ और सांता की छवि भी लोगों के दिलों में बस गई. यह विज्ञापन अखबारों, मैगजीन और पोस्टर्स में कई सालों तक लगातार छपते रहे.

Coca-Cola के विज्ञापन इतने फेमस हुए कि लोगों ने इसी सांता को असल सांता समझना शुरू कर दिया. बाद में जब टीवी, फिल्में और कार्टून आए, तो उन्होंने भी सांता को लाल-सफेद कपड़ों में दिखाया. धीरे-धीरे हरे और नीले कपड़ों वाले सांता पीछे छूट गए और लाल-सफेद ड्रेस वाले हंसमुख सांता को दुनिया भर में स्थायी पहचान मिल गई.

यह कहना गलत नहीं होगा कि Coca-Cola ने भले सांता की कहानी को जन्म नहीं दिया पर लाल-सफेद कपड़ों में उन्हें एक ग्लोबल आइकन जरूर बना दिया.

 

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