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World Food Safety Day 2022: शादी, पार्टी से बचे खाने को करते हैं इकट्ठा ताकि भूखा न सोए कोई गरीब

World Food Safety Day 2022: हर दिन हमारे घर, होटल या किसी आयोजन में काफी सारा खाना बर्बाद होता है. इस खाने को अगर सही समय पर गरीबों तक पहुंचा दिया जाए तो हर दिन हजारों लोगों का पेट भरा जा सकता है.

World Food Safety Day 2022 World Food Safety Day 2022
हाइलाइट्स
  • फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारतीय घरों में हर साल प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना फेंका जा रहा है.

  • शादियों, कैंटीनों, होटलों, सामाजिक और पारिवारिक समारोहों आदि में इतना खाना बर्बाद होता है कि हजारों लोगों का पेट भर जाए

खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में उत्पादित लगभग 40 प्रतिशत भोजन हर साल बर्बाद हो जाता है. यह वह नुकसान है जो भोजन के उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले ही हो जाता है. इसी तरह, हमारे घरों में बड़ी मात्रा में भोजन की बर्बादी होती है. 


फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारतीय घरों में हर साल प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना फेंका जा रहा है. शादियों, कैंटीनों, होटलों, सामाजिक और पारिवारिक समारोहों आदि में इतना खाना बर्बाद होता है कि हजारों लोगों का पेट भर जाए. और वहीं, आज भी लाखों लोग भारत में खाना न होने के कारण भूखा सोते हैं.

इसलिए आज World Food Safety Day 2022 के मौके पर हम आपको बता रहे हैं ऐसे 4 संगठनों के बारे में, जो ऐसे समारोहों से बचने वाले खाने को इकट्ठा करके गरीबों तक पहुंचा रहे हैं. 

1. फीडिंग इंडिया बाय जोमैटो (Feeding India by Zomato)
Feeding India एक एनजीओ है, जिसे साल 2014 में अंकित कवात्रा ने शुरू किया था. आज देशभर के युवा मिलकर इस संगठन को चला रहे हैं. यह संगठन भूख और कुपोषण को खत्म करने का काम करता है. इस पहल का नेतृत्व एक कोर टीम करती है, जो परामर्श, मार्केटिंग, ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं. 

यह अगस्त 2014 में 5 लोगों एक टीम के साथ शुरू हुआ था. साल 2019 से वह Zomato के साथ काम कर रहे हैं. अब उनके पास 32+ शहरों में 2,6000 से अधिक वॉलंटियर्स का नेटवर्क है. Feeding India ने अब तक 15.3 करोड़ से ज्यादा मील्स लोगों तक पहुंचाए हैं. उनका विश्वास है कि जरूरतमंद लोगों को खिलाने के लिए खाना बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि पहले से बने एक्स्ट्रा खाने को उन तक पहुंचा दें. जैसा कि Feeding India कर रहा है. वे होटल, कैफे, या अन्य आयोजनों में बचने वाले खाने को इकट्ठा करके लोगों में बांट देते हैं.  

2. गिवअवे (GiveAway)
आसिफ, नरेश्वर सिवानेसन और फहद खलील वलजाह ने GiveAway संगठन की शुरुआत देश में भूख की समस्या और भोजन की बर्बादी को देखते हुए शुरू की. यह संगठन सितंबर, 2015 में शुरू हुआ था. 

GiveAway पूरे चेन्नई में घरों, शादी के रिसेप्शन, रेस्तरां और पार्टियों से अतिरिक्त और बचे हुए भोजन को इकट्ठा करता है. फिर खाने की गुणवत्ता और पैकिंग चेक की जाती है कि सब सही है. इसके बाद सभी लोग मिलकर जरूरतमंद लोगों में खाना बांटते हैं. इससे खाने की बर्बादी नहीं होती और लोगों का पेट भर रहा है. 

3. नो फूड वेस्ट (No Food Waste)
नो फूड वेस्ट एक सामाजिक स्टार्टअप है, जिसे कोयंबटूर में पद्मनाभन गोपालन ने शुरू किया. यह शहरी इलाकों में गरीब लोगों तक खाना पहुंचा रहा है. संगठन का No Food Waste नाम से एक मोबाइल एप है जिसपर भारत की ऐसी जगहों के बारे में जानकारी इकट्ठी की जाती है जहां भुखमरी है या जरूरतमंद लोग रहते हैं. 

No Food Waste NGO helping people (Photo: No Food Waste Website)

इस एप के माध्यम से लोग खाना दान भी कर सकते हैं. अगर आपके घर में किसी आयोजन में खाना बच गया है तो आप इस एप पर अपडेट कर सकते हैं. जिससे वॉलंटियर्स आकर खाना इकट्ठा करके इन गरीब लोगों तक पहुंचा सकते हैं. 

4. रोटी बैंक (Roti Bank)

Roti Bank (Photo: Facebook)

आज देश के कई शहरों में रोटी बैंक का कॉन्सेप्ट फॉलो किया जा रहा है. वाराणसी, एटा, रांची जैसे शहरों में लोग अपने घरों से एक या दो लोगों को एक्सट्रा खाना रोटी बैंक में दान करते हैं. जिससे किसी जरूरतमंद का पेट भर सके. आज देशभर में रोटी बैंक्स के जरिए हजारों लोगों का पेट भरा जा रहा है.