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सूरत में बनी भगवान श्री राम की 5 फीट ऊंची चांदी की मूर्ति, तैयार करने में लगे 144 दिन

यह मूर्ति न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय कारीगरों की अद्भुत शिल्पकला का भी उदाहरण है. 144 दिनों की मेहनत, 4 किलो से अधिक चांदी और अनोखी कलाकारी ने इसे देशभर में चर्चा का विषय बना दिया है.

5 feet high silver statue of Lord Shri Ram 5 feet high silver statue of Lord Shri Ram

अयोध्या में विराजमान भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा को लेकर पूरे देश में उत्साह और आस्था का माहौल बना हुआ है. इसी कड़ी में सूरत के एक ज्वैलर्स ने भगवान श्री राम की मूर्ति को अनोखे रूप में पेश किया है. सूरत स्थित खुशालदास ज्वैलर्स ने करीब 4 किलो 120 ग्राम चांदी का उपयोग करके भगवान श्री राम की 5 फीट ऊंची मूर्ति तैयार की है.

इस विशेष मूर्ति को बनाने में लगातार 144 दिन का समय लगा और इसे आकार देने के लिए 7 से 8 कारीगरों ने दिन-रात मेहनत की. ज्वैलर्स के मालिक वीरेन चौकसी ने बताया कि इस मूर्ति का स्वरूप अयोध्या में राम मंदिर में विराजमान भगवान श्री राम की मूर्ति की तरह ही तैयार किया गया है.

मूर्ति की खासियत

इस मूर्ति को विशेष रूप से इस तरह गढ़ा गया है कि यह अयोध्या में स्थापित भगवान राम की भव्यता का प्रतिबिंब प्रतीत होती है. इसमें भगवान श्री राम के हाथों में धनुष और बाण को बारीकी से उकेरा गया है. मूर्ति के पीछे सिंहासन, ॐ, नाग, स्वस्तिक और आसपास अन्य देवी-देवताओं की आकृतियों को भी बारीकी से तराशा गया है.

कीमत और विशेष कोटिंग

करीब 10.50 लाख रुपये की लागत से बनी इस मूर्ति में विशेष प्रकार की एनिमल पॉलिश कोटिंग की गई है, जिससे चांदी कभी काली नहीं पड़ेगी और इसकी चमक लंबे समय तक बरकरार रहेगी.

एक खास ऑर्डर पर बनी मूर्ति

वीरेन चौकसी ने जानकारी दी कि यह मूर्ति उनके एक मित्र के विशेष ऑर्डर पर तैयार की गई है. उनका कहना है कि देश और दुनिया में यह पहली बार है जब चांदी से इतनी बड़ी और भव्य भगवान श्री राम की मूर्ति बनाई गई है.

अयोध्या जाकर लिया था मूर्ति का आशीर्वाद

वीरेन चौकसी ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद अयोध्या जाकर भगवान श्री राम की प्रतिमा को नजदीक से देखा था. उसी आधार पर मूर्ति की आकृति और आभा को हूबहू ढालने का प्रयास किया गया है.

यह मूर्ति न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय कारीगरों की अद्भुत शिल्पकला का भी उदाहरण है. 144 दिनों की मेहनत, 4 किलो से अधिक चांदी और अनोखी कलाकारी ने इसे देशभर में चर्चा का विषय बना दिया है.

(संजय सिंह राठौड़ की रिपोर्ट)