
Amarnath Yatra 2025 Ends (Photo Credit: Getty)
Amarnath Yatra 2025 Ends (Photo Credit: Getty) अमरनाथ यात्रा 2025 को बंद कर दिया गया है. इस तीर्थ यात्रा का समापन समय से 1 हफ्ते पहले कर दिया गया है. अमरनाथ यात्रा का समापन 9 अगस्त को होना था लेकिन अब इसे 3 अगस्त को ही रोक दिया गया है. इससे पहले बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से तीर्थ यात्रा को कई बार रोकना पड़ा था. इस बार अमरनाथ यात्रा में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं.
अमरनाथ यात्रा को लेकर अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि हाल ही में हुई भारी बारिश से रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए है. मार्गों के रखरखाव की आवश्यकता के कारण इस साल अमरनाथ यात्रा को उसके तय समय से एक सप्ताह पहले स्थगित कर दिया गया है. 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा यात्रा रक्षाबंधन के दिन 9 अगस्त को समाप्त होने वाली थी.
अधिकारियों ने भारी बारिश के मद्देनजर जरूरी मरम्मत और रखरखाव का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा को एक सप्ताह छोटा करने का निर्णय लिया गया. इस साल अमरनाथ यात्रा में 4 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. ये संख्या पिछले साल की तुलना में काफी कम है. पिछले साल 5 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे.
अमरनाथ यात्रा को समय से पहले स्थगित करने का फैसला लिया गया है. इस बारे में कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि हाल ही में हुई भारी बारिश और अमरनाथ यात्रा मार्ग के बालटाल और पहलगाम दोनों छोरों पर ट्रैक रखरखाव की आवश्यकता के कारण, दोनों रूट्स पर यात्रा बंद कर दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि यह देखा गया है कि कल से ट्रैक पर कर्मियों और मशीनों के लगातार होने की वजह से हम यात्रा को फिर से शुरू नहीं कर पाएंगे.
डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि 3 अगस्त से दोनों मार्गों से यात्रा स्थगित रहेगी. इस साल 4.10 लाख से ज्यादा यात्रियों ने पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन किए. पिछले साल की तुलना में इस साल अमरनाथ यात्रियों की संख्या काफी कम रही. इस साल 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिर में दर्शन किए थे.

अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक है. यह यात्रा भगवान शिव के भक्तों के लिए आस्था, भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक मानी जाती है. अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि यह भक्ति, हिम्मत, सेवा और प्रकृति से जुड़ाव का अद्भुत संगम है. इससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था मिलती है.