
वो हाथ जिन्हें समाज अक्सर नजरअंदाज कर देता है, इस रक्षाबंधन पर उन हाथों ने ऐसा काम किया है कि देश उनको सलाम कर रहा है. ना मांगने आए, ना आशीर्वाद देने... इस बार बागपत का किन्नर समाज सिर्फ देने आया है, अपना सम्मान, अपनी भावना और अपना विश्वास और इस बार इनकी राखियां बंधेंगी उन कलाइयों पर, जो हर दिन मौत से लड़कर हमें जिंदा रखते हैं. एक राखी उस नेता के नाम, जिसकी सोच ने 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसा जवाब देश को दिया.
किन्नर समाज बना रहा राखी-
दरअसल रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर जहां देशभर में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना कर रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां किन्नर समाज ने रक्षाबंधन को एक नई दिशा देते हुए इस बार पर्व को देश के वीर जवानों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है. बागपत के किन्नर समाज ने इस बार रक्षाबंधन का पर्व 'ऑपरेशन सिंदूर' को समर्पित किया है. एक ऐसा सैन्य अभियान जिसने पहलगाम में महिलाओं पर हुए हमले का बदला लिया और भारत की अस्मिता की रक्षा की.
किन्नर गुड़िया का कहना है कि हम सिर्फ फौजी भाइयों को ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राखी भेज रहे हैं, क्योंकि उन्हीं की अगुवाई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ हुआ. किन्नर कोमल ने कहा कि हम सब किन्नर हमारी गुरु सब आज ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने वाले फौजी भाईयों और पीएम को राखी भेज रहे है, क्योंकि वो सरहद पर हमारी रक्षा करते है.
जवानों को भेजी राखी-
इस पहल के तहत किन्नर समुदाय ने सीमाओं पर तैनात भारतीय सैनिकों के नाम राखियां भेजी हैं. किन्नर समाज ने सिर्फ जवानों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राखी भेजी है. उनका मानना है कि प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमता और उनके आदेश पर ही यह सैन्य कार्रवाई संभव हो सकी, जिससे हजारों बहनों की अस्मिता को न्याय मिला. किन्नर कंगना ने कहा कि फौजी भाई ही हैं, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पहलगाम का बदला लिया. जिन्होंने माताओं-बहनों के उजड़े सिंदूर का हिसाब दिया. हमारी ये राखी उनका हौसला और आशीर्वाद दोनों है.
यह पहल सिर्फ एक राखी का त्योहार नहीं, बल्कि समाज को एक बड़ा संदेश देने वाली कोशिश है. जहां अक्सर किन्नर समाज को हाशिए पर रखा जाता है, वहीं आज वे न सिर्फ राष्ट्रभक्ति की मिसाल बन रहे हैं, बल्कि समाज को भी जोड़ने का काम कर रहे हैं.
(मनुदेव उपाध्याय की रिपोर्ट)
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