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Diwali 2025: दिवाली पर पुराने दीये जलाने चाहिए या नए, क्या होगा शुभ? जानें दीपक जलाने का सही नियम

Diwali Deepak ke Niyam: प्रकाश का पर्व दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना की जाती है. पूजा स्थल, घर और आंगन में मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि दीपावली के दिन पुराने दीये को जलाना शुभ होता है या अशुभ, दीप जलाने का सही नियम क्या है? यदि नहीं तो हम आपको बता रहे हैं. इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी.  

Diwali 2025 Diwali 2025

Diwali: हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपों और खुशियों का पर्व दिवाली है. दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है. इस साल दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

दिवाली के दिन पूजा स्थल, घर और आंगन में मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं. इस श्रद्धालुओं पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. क्या आप जानते हैं कि दीपावली के दिन पुराने दीये को जलाना शुभ होता है या अशुभ, दीप जलाने का सही नियम क्या है? यदि नहीं तो हम आपको बता रहे हैं. 

मिट्टी के पुराने दीये को जलाना चाहिए या नहीं
दिवाली पर मिट्टी के पुराने दीये को जलाना चाहिए या नहीं, तो इसका जवाब है नहीं.मिट्टी के दीये को एक बार ही प्रयोग में लाना शुभ माना जाता है.दिवाली की मुख्य पूजा में इस्तेमाल हुए मिट्टी के दीये को दोबारा जलाना अशुभ होता है. ऐसी मान्यता है कि पूजा में इस्तेमाल हुई मिट्टी नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेती है, इसलिए इसे दोबारा प्रयोग नहीं करना चाहिए.

पुराने दीये में जला सकते हैं यम दीपक 
धनतेरस या नरक चतुर्दशी की रात को यमदेव का दीपक जलाया जाता है. आप पुराने दिये में सरसों का तेल डालकर यम दीपक जला सकते हैं. यह दीपक यमराज को समर्पित होता है और परिवार की अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए जलाया जाता है.

धातु के दीपक को लेकर क्या कहता है नियम 
चांदी, पीतल या अन्य धातु के दीपक को आप बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं. बस इस बाद का ध्यान रखें कि इन दीपक का इस्तेमाल करने से पहले उन्हें अच्छी तरह साफ करके अग्नि से पवित्र करना चाहिए. इन्हें दोबारा जलाना शुभ माना जाता है. 

कभी भी खंडित दीपक न जलाएं
दिवाली हो या कोई और पूजा कभी भी खंडित यानी टूटे हुए दीपक को नहीं जलाना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि खंडित दीपक जलाने से धन की हानि होती है और घर में नकारात्मकत ऊर्जा आती है.

पुराने दीये का क्या करें
दिवाली पूजा के बाद मिट्टी के दीयों को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें. आप इसे पीपल या तुलसी के नीचे भी रख सकते हैं. यदि आप इन्हें न विसर्जित करना चाहते हैं और न ही कहीं बाहर रखना चाहते हैं तो आप घर की सजावट या कलात्मक कार्यों में इन दीयों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

दिवाली पर दीये जलाने को लेकर क्या है नियम
1. दिशा का रखें ध्यान: दिवाली पर दीये जलाने के दौरान हमेशा दिशा का ध्यान रखें. दीपक हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके जलाना शुभ माना जाता है. घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय उसकी लौ अंदर की ओर होनी चाहिए. यम दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं.

2. क्या होनी चाहिए दीयों की संख्या: दिवाली पर दीये को जलाने के दौरान हमेशा उनकी संख्या का ध्यान रखें. दीपक की संख्या विषम रखें जैसे 5, 7, 9, 11, 21, 51 या 108. विषम संख्या शुभ मानी जाती है.

3. पहला दीपक कहां जलाएं: दिवाली पर सबसे पहला दीपक मंदिर में जलाना चाहिए. सरसों के तेल के दीपक से घी का दीपक अधिक शुभ माना जाता है.

4. दिवाली के दिन इन स्थानों पर जरूर जलाएं दीपक: घर के मुख्य द्वार, लिविंग रूम, रसोई का आग्नेय कोण, तुलसी के पौधे, पीपल के पेड़, छत और बालकनी में दीपक अवश्य जलाएं.

5. एक से दूसरा दीपक न जलाएं: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक एक दीपक से दूसरे दीपक को कभी नहीं जलाना चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है. 

6. दीपक को न बुझाएं: दिवाली पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि दीपक किसी भी तरह से बुझे नहीं. दीपक को हाथ से या फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए. इसे माता लक्ष्मी का अनादर माना जाता है.