
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है. गणेश जी का व्रत करने वालों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं. ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी के एकदंत रूप की पूजा होती है.
बहुत से श्रद्धालु दिनभर व्रत करते हैं और रात को चंद्र देव के दर्शन करने के बाद व्रत का पारण करते हैं. आज देशभर में एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से लोगों को सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और भगवान श्री गणेश जी की कृपा से धन, सुख-समृद्धि आती है.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
इस दिन सबसे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर नहाएं और साफ-सुथरे कपड़े पहने. इसके बाद भगवान गणेश जी के मंदिर को साफ करके उनकी पूजा करें. उनके सामने घी का दीपक और धूप लगाएं. आपको बता दें कि गणपति जी की पूजा में फूल, 11 या 21 गांठ दूर्वा, सिंदूर, अक्षत और भोग में लड्डू या फिर मोदक की जरूरत होती है.
इन मंत्रों का करें जाप
करें ये उपाय
अगर आप अपने बिजनेस या करियर में तरक्की चाहते हैं तो एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा के साथ-साथ कुछ छोटे-छोटे उपाय करने से आपकी मनोकामना पूरी होगी.