Gupt Navaratri starts today
Gupt Navaratri starts today नवरात्र में हम शक्ति की उपासना करते हैं, और गुप्त नवरात्र में हम आदि शक्ति की पूजा के साथ ही 10 महाविद्याओं की भी साधना करते हैं. आज हम जानेंगे आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र की महिमा. कहते हैं कि जिस भी साधक ने गुप्त नवरात्र में मां भगवती की कृपा पाई, उसके सारे मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं और संकट और बाधाएं उससे कोसों दूर हो जाती हैं. तो आइए जानते हैं गुप्त नवरात्र की महिमा और क्या है गुप्त नवरात्र का विधान?
शक्ति की उपासना का महापर्व है नवरात्र. गुप्त सिद्धियों और तंत्र साधनाओं को परिपूर्ण करने का समय है गुप्त नवरात्र. आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र में जगत जननी की आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. गोपनीय साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाते हैं गुप्त नवरात्र. मां दुर्गा को पूजने के लिए यह समय विशेष होता है. आप अभी तक यही जानते होंगे कि साल में दो बार नवरात्र आती है, लेकिन आज हम आपको आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि के बारे में बताएंगे.
गुप्त नवरात्र का महत्व विशेष रूप से तांत्रिक साधनाओं में होता है. इसमें प्रत्येक व्यक्ति पूजा नहीं कर पाता क्योंकि ये गुप्त नवरात्र होते हैं. आषाढ़ मास के अंदर गुप्त नवरात्र आते हैं, जब वर्षा ऋतु शुरू होने वाली होती है. इसके बाद शारदीय नवरात्र आते हैं, जो अश्विन मास में होते हैं. गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जो विशेष रूप से तांत्रिक साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण होती हैं.
गुप्त नवरात्र में पूजा और मनोकामना जितनी गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलती है. गुप्त नवरात्र की पूजा का सबसे उत्तम समय आधी रात से सूर्योदय तक माना जाता है. गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं की भी खास साधना की जाती है. कहते हैं महापार्वती के क्रोध से निकली थी 10 देवियां, जो दसों दिशाओं में प्रकट हुई थीं. इनकी उपासना से सारी बलाएं टल जाती हैं. ये 10 महाविद्याएं हैं: मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां शोर्शी, मां भुवनेश्वरी, मां चिन्हवस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धुमावती, मां बगलामुखी, और मां मातंगी.
गुप्त नवरात्र में मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए मुख्य रूप से विशेष साधना की जाती है. इसका ज्यादा प्रचार नहीं होता, अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है. माना जाता है कि गुप्त नवरात्र में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, मनोरथ उतना ही जल्दी, परिपूर्ण और सिद्ध होगा. गुप्त नवरात्र में आपकी मनोकामना पूर्ण करने वाले कुछ विशेष प्रयोग भी किए जाते हैं.
शक्ति संसार का आधार है और देवी के शक्ति पीठ रहस्यों का भंडार है. असम का कामाख्या मंदिर देवी का एक अनुपम और अनन्य शक्तिपीठ है. असम में नीलगिरी पर्वत पर मौजूद ये मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में सबसे जागृत माना जाता है. गुवाहाटी में मौजूद इस धाम को देवी के 51 शक्तिपीठों का माना गया है. यहां शक्ति स्वरूपा मां कामाख्या अनादिकाल से भक्तों का कल्याण कर रही हैं. पौराणिक मान्यता है कि साल में एक बार देवी राजस्वला होती है. इस दौरान गर्भगृह से तीन दिनों तक लगातार लाल रंग का जल प्रवाहित होता रहता है. कहते हैं कि इसकी वजह से ब्रह्मपुत्र का पानी भी हल्का लाल हो जाता है.
गुप्त नवरात्र को सिद्धियां प्राप्त करने का पर्व माना जाता है. विशेष मनोरथ प्राप्ति की तिथि है गुप्त नवरात्र. इस खास अवसर पर 10 महाविद्याओं की भी पूजा का विधान है. शक्ति स्वरूपा मां कामाख्या के इस धाम को ज्ञान और ध्यान की भूमि कहा गया है. यहां शक्ति स्वरूपा मां कामाख्या अनाधिकल से भक्तों का कल्याण कर रही हैं.