scorecardresearch

Eid Ul Fitr 2024: क्या आप जानते हैं ईद उल फित्र का इतिहास, इस बार किस दिन मनाया जाएगा ये त्योहार

Eid Ul Fitr 2024: ईद उल फित्र के त्योहार में अब एक हफ्ते का भी समय नहीं रह गया है. दुनियाभर में इस त्योहार की पवित्रता का सम्मान किया जाता है लेकिन इसका इतिहास बहुत कम लोग जानते हैं. क्या आप जानते हैं ईद उल फित्र का इतिहास?

Eid ul Fitr (Credit/PTI) Eid ul Fitr (Credit/PTI)
हाइलाइट्स
  • इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने में मनाई जाती है ईद

  • मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार

Eid Ul Fitr 2024: "कराची से लोग अंदरून-ए-मुल्क अपनों में ईद मनाने जा रहे हैं." पाकिस्तान के रिपोर्टर चांद नवाब की यह पंक्ति शायद आपने बजरंगी भाईजान फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के मुंह से सुनी होगी. इस मशहूर डायलॉग में जिस 'ईद' को मनाने के लिए लोग कराची से अपने-अपने घर जा रहे थे, वह ईद उल फित्र मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है.

ईद उल फित्र में अब एक हफ़्ते से भी कम का समय बचा है. यह त्योहार रमजान के महीने के बाद आता है जिसमें मुस्लिम समुदाय पूरे 30 दिन तक रोज़ा (Fast) रखता है. एक महीने तक भूख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त करने के बाद मुसलमानों को ईद उल फित्र का तोहफा मिलता है. दुनियाभर में सभी धर्मों के लोग रमजान और ईद की पवित्रता का सम्मान करते हैं लेकिन इस त्योहार का इतिहास क्या है, यह बहुत कम लोग जानते हैं.

क्या होता है रमजान का महत्व

रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौंवा महीना है. इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं और अन्न-जल से परहेज करते हैं. सूर्यास्त होते ही रोजा रखने वाला व्यक्ति खजूर या पानी से रोजा खोलता है. यह महीना मुसलमानों के लिए आत्मचिंतन के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है.

सम्बंधित ख़बरें

मुसलमान रमजान में कुरान का पाठ करते हैं और अपने दिल को परमेश्वर से जोड़ने की कोशिश करते हैं. 29 या 30 दिन तक रोजा रखने के बाद मुसलमान ईद के साथ इस महीने को अलविदा कहते हैं.

कब शुरू हुई ईद उल फित्र

ईद उल फित्र इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने, शव्वाल में मनाई जाती है. यह त्योहार रमजान के महीने से जुड़ा हुआ है. इस्लाम का संदेश दुनियाभर में फैलाने वाले पैगंबर मोहम्मद का जन्म अरब के मक्का शहर में 570 ईसवी में हुआ था. पैगंबर मोहम्मद ने इस्लाम धर्म का उपदेश देना सन् 610 ईसवी में शुरू किया, लेकिन उस समय रमजान के महीने में रोजे नहीं रखे जाते थे.

पैगंबर मोहम्मद और उनके अनुयायी सन् 622 ईसवी में मक्का शहर छोड़कर मदीना चले आए. और इसी साल से ईद उल फित्र (मीठी ईद) और ईद उल अजहा (बकरीद) के त्योहार मनाए जाने का उपदेश दिया गया.

मुसलमान मानते हैं कि मदीना आने के दो साल बाद सन् 624 ईसवी में ईश्वर की ओर से पैगंबर मोहम्मद को रमजान के पूरे महीने में रोजे रखने का आदेश हुआ. इसी साल से ईद उल फित्र का त्योहार रमजान के महीने के बाद मनाया जाने लगा.

ईद उल फित्र में क्या करते हैं मुसलमान

ईद उल फित्र के त्योहार में मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह जाकर नमाज अदा करते हैं. इसके बाद वे परंपरा के अनुसार एक-दूसरे से गले मिलते हैं और ईद की बधाइयां देते हैं. एक-दूसरे के साथ मिठाइयां बांटते हैं. दिल्ली की जामा मस्जिद में एक साथ नमाज अदा करते लोगों की तस्वीरें देखते ही बनती हैं.
भारतीय मुसलमान ईद के दिन शीर खुरमा, सेवई और बिरयानी जैसे पकवानों का लुत्फ उठाते हैं.

ईद और बकरीद एक या अलग-अलग?

दुनियाभर में मुसलमान प्रमुख रूप से दो ही त्योहार मनाते हैं. पहला ईद उल फित्र और दूसरा ईद उल अजहा. कई लोग इन त्योहारों में अंतर नहीं कर पाते. ईद उल फित्र या 'मीठी ईद' रमजान के बाद आने वाला त्योहार है, जबकि ईद उल अजहा कुर्बानी से जुड़ा हुआ है, जिसे बकरीद भी कहते हैं. बकरीद इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने जुल-हिज्जा की 10 तारीख को मनाया जाने वाला त्योहार है.

बकरीद में मुस्लिम समुदाय के लोग पैगंबर इब्राहीम की परंपरा का पालन करते हुए दुम्बे की कुर्बानी देते हैं. बकरीद, मीठी ईद के दो महीने 10 दिन बाद आती है. बकरीद के महीने में ही दुनियाभर के मुसलमान मक्का शहर जाकर हज करते हैं.

2024 में ईद उल फित्र कब

इस साल भारत में रमजान की शुरुआत 12 मार्च को हुई थी. रमजान 29 दिन का होगा या 30 दिन का, यह चांद पर निर्भर करेगा. ऐसे में ईद उल फित्र का त्योहार 10 या 11 अप्रैल को मनाया जा सकता है.