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Indore Juna Chintaman Ganesh Mandir: 1200 साल पुराना है यह मंदिर! पहले चिट्ठियों से तो अब मोबाइल कॉल पर अर्जी सुनते हैं बाप्पा

इस मंदिर की खासियत यह है कि इसे “चिट्ठी वाले गणेश” के नाम से जाना जाता है. भक्त अपनी मनोकामनाएं चिट्ठियों के माध्यम से भगवान गणेश तक पहुंचाते हैं.

Juna Chintaman Ganesh Mandir Juna Chintaman Ganesh Mandir

इंदौर के जूनी इंदौर इलाके में स्थित जूना चिंतामण गणेश मंदिर देशभर में अपनी आस्था, इतिहास और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है. करीब 1200 साल पुराना यह मंदिर परमार वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था. इसकी स्थापत्य कला में काले पत्थरों का उपयोग किया गया है, जो आज भी उस दौर की भव्यता और समृद्धि की झलक प्रस्तुत करता है.

"चिट्ठी वाले गणेश" की परंपरा
इस मंदिर की खासियत यह है कि इसे “चिट्ठी वाले गणेश” के नाम से जाना जाता है. भक्त अपनी मनोकामनाएं चिट्ठियों के माध्यम से भगवान गणेश तक पहुंचाते हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी मनोहर लाल पाठक बताते हैं कि पहले भक्त डाक के जरिए पत्र भेजते थे, जिन्हें पढ़कर भगवान के समक्ष सुनाया जाता था. इन पत्रों में भक्त अपनी परेशानियां, इच्छाएं और प्रार्थनाएं लिखते हैं.

आधुनिक युग में "मोबाइल गणेश"
बदलते समय के साथ परंपराएं भी आधुनिक हो गई हैं. अब भक्त केवल चिट्ठियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि फोन कॉल्स और वीडियो कॉल्स के माध्यम से भी अपनी मनोकामनाएं भगवान तक पहुंचा रहे हैं. अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी समेत कई देशों से लोग पुजारियों को कॉल करते हैं. पुजारी फोन को गणेशजी के कान से लगाकर भक्त की अर्जी सुनाते हैं.

मंदिर से जुड़ी ऐतिहासिक मान्यताएं
मंदिर की आस्था से जुड़ी कई कथाएं हैं. कहा जाता है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन मंदिर की दिव्यता के आगे उसे हार माननी पड़ी. होलकर वंश की रानी अहिल्याबाई होलकर यहां नियमित दर्शन के लिए आती थीं. एक अन्य कथा के अनुसार, जब छत्रपति शिवाजी महाराज दुश्मनों से घिरे थे, तो उनके गुरु ने इसी मंदिर में गणेशजी से प्रार्थना की थी, जिसके बाद शिवाजी को मुक्ति मिली और वे स्वयं यहां दर्शन के लिए आए.

बुधवार और चतुर्थी को लगती है भक्तों की भीड़
मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन बुधवार और चतुर्थी के दिन यहां भक्तों की विशेष भीड़ उमड़ती है. भक्त मानते हैं कि यहां चिट्ठी या फोन के माध्यम से की गई हर सच्ची प्रार्थना भगवान सुनते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

आस्था में कोई कमी नहीं
चाहे चिट्ठियों के जरिए हो या मोबाइल कॉल्स से, भक्तों की आस्था उतनी ही मजबूत है. यही वजह है कि चिट्ठी वाले गणेश आज के समय में “मोबाइल गणेश” बन गए हैं, लेकिन श्रद्धा और विश्वास पहले जैसे ही अटूट बने हुए हैं.

(धर्मेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)

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