Kharmas 2025
Kharmas 2025 शादियों और दूसरे शुभ कार्यों का सीजन लगभग खत्म होने को है. धनु संक्रांति अगले हफ्ते है. इस दिन सूर्यदेव के नारायण रूप की पूजा करने का बहुत महत्व है. पुराणों में सूर्य को भगवान विष्णु का ही अंश कहा गया है. इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है. सूर्य की धनु संक्रांति के दौरान तमाम शुभ काम बंद हो जाते हैं, क्योंकि इस दौरान सूर्य की चाल बदल जाती है.
मंगलवार से खरमास की शुरुआत हो रही है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है. खरमास के समय सूर्य देव की चाल धीमी हो जाती है. सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है. लेकिन कई उपाय भी हैं. जिनके ज़रिए आप सुख समृद्धि और तरक्की पा सकते हैं.
कब हो रही खरमास की शुरुआत?
ग्रहों के राजा सूर्य देव हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. तो यही सूर्य की संक्रांति कहलाती है. इस बार सूर्य देव 16 दिसंबर यानी मंगलवार को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर राशि परिवर्तन करेंगे. सूर्य, वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में जाने वाले हैं. ऐसे में इस दिन धनु संक्रांति मनाई जाएगी. इसी के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी. ये खरमास अगले महीने 14 जनवरी तक रहेगा.
क्यों लगती है शुभ कामों पर रोक?
ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि सूर्य का प्रभाव गुरु की राशि धनु में कमजोर हो जाता है. इसलिए इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और नए व्यवसाय की शुरुआत जैसे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है.
खरमास में क्या है उपाय?
यानी अगले हफ्ते से धनु खरमास की शुरुआत हो रही है. हालांकि अगर आपको सूर्य के राशि परिवर्तन से समस्या हो तो उसके लिए कुछ महाउपाय भी हैं. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो रोज सुबह हल्दी मिला हुआ जल सूर्य को अर्पित करें. हल्दी या केसर का तिलक लगाएं. रोज शाम शनि मंत्र का जप करें. शनिवार शाम को पीपल के नीचे दीपक जलाएं. सात्विक रहने का प्रयत्न करें.
यानी भले ही मंगलवार से खरमास शुरु हो जाएगा. लेकिन जानकारों का कहना है कि आप कुछ उपायों को अपनाएंगे तो आने वाले समय में तमाम बाधाएं दूर हो जाएंगी और आप पर सूर्य देव और देव गुरु बृहस्पति की कृपा जरूर बरसेगी.
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