
सावन मास की कांवड़ यात्रा के दौरान आपने बहुत से ऐसे शिवभक्त कावड़िए जरूर देखे होंगे, जो श्रवण कांवड़ में अपने माता-पिता को बैठाकर यात्रा पूरी कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली का रहने वाला एक ऐसा बम देवेंद्र भी मुजफ्फरनगर पहुंचा, जो अपनी श्रवण कांवड़ में अपने दो भांजे को बैठाकर हरिद्वार से दिल्ली तक पैदल यात्रा कर रहा है. मामा देवेंद्र का एक भांजा अंशुल 6 साल और दूसरा भांजा आर्यन 8 साल का है.
2 भांजों को कांवड़ में बैठाकर यात्रा-
मामा भांजे के इस अनोखे प्यार के बारे में जब ये श्रवण कांवड़ ला रहे मामा देवेंद्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बार मैंने मन में ठान रखी थी कि मेरे भांजे अगर कांवड़ में मेरे साथ आएंगे, तो मैं आऊंगा वरना मैं भी नहीं आऊंगा. दोनों भांजे कांवड़ में मेरे साथ आए, जिसके चलते दिल ने गवाही दी कि ये छोटे है, इस कारण में इन्हें अपनी श्रवण कांवड़ में बैठाकर अपनी यात्रा पूरी कर रहा हूं. शिवभक्त देवेंद्र का कहना है कि हम दिल्ली से हैं. हरिद्वार से दिल्ली यात्रा कर रहे हैं. यह दोनों बच्चे मेरे भांजे हैं. बस ऐसे ही खुशी में ले जा रहा हूं. एक की उम्र 8 साल है. दूसरे की 6 साल है.
रोजाना 40-50 किमी का सफर-
देवेंद्र बताते हैं कि उनकी टोली में 11 शिव भक्त भोले हैं, जो उनके साथ रोजाना 40 से 50 किलोमीटर का सफर तय करते हैं. देवेंद्र ने कहा कि हम रोज 40, 50 किलोमीटर चल लेते हैं. हमारे साथ 11 भोले हैं. भोलेनाथ ने आशीर्वाद दिया तो लेकर आ गए. उन्होंने कहा कि पहले मैं तीन बार कांवड़ लेकर आया हूं. बस ऐसे ही दिल में आया, भांजों को लेकर जाना है. हरिद्वार लेकर आ गए. मैं अकेला ही हूं. ये हमारे भांजे हैं. यह मेरे साथ भोले हैं. यह सारे भाई हैं. हम सब उठाते हैं मिलकर. हम दो भोले ज्यादा उठाते हैं कावड़. दिल्ली में इस्माइलपुर में जल चढ़ाएंगे, मन्नत तो बस ऐसे ही दिल में है, जो होगी, देखेंगे.
आपको बता दें कि हरिद्वार हर की पौड़ी से चलकर लाखों शिवभक्त कांवड़िए मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. जिसके चलते अब रोजाना यहां पर रंग-बिरंगी अनोखी हैरान कर देने वाली कांवड़ देखने को मिल रही है.
(संदीप सैनी की रिपोर्ट)
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