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Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम हादसे में श्रद्धालु की चली गई थी जान, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पीड़ित परिवार के पास भेजा चढ़ावे में मिली राशि 7 लाख 68 हजार 840 रुपए का चेक  

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम हादसे में मारे गए शख्स के परिवार से किया वादा पूरा कर दिया है. बागेश्वर धाम सरकार ने पीड़ित परिवार को एक दिन में चढ़ावे में मिली राशि 7 लाख 68 हजार 840 रुपए का चेक सौंप दिया है.

Bageshwar Maharaj Helped the Victim's Family Bageshwar Maharaj Helped the Victim's Family
हाइलाइट्स
  • धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम हादसे में मारे गए शख्स के परिवार से किया वादा निभाया

  • पीड़ित परिवार को भेजी एक दिन की चढ़ोत्तरी

गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान बागेश्वर धाम में टेंट गिरने से एक श्रद्धालु की मौत हो गई थी. उसके परिजनों को अब वादे के मुताबिक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिन्हें बागेश्वर महाराज के नाम से भी जाना जाता है ने एक दिन की चढ़ोतरी भेजी है. वादे के अनुसार उस दिन चढ़ोत्तरी में आई 7 लाख 68 हजार 840 रुपए की दान राशि मृतक श्यामलाल कौशल की पत्नी निर्मला देवी सहित परिजनों को ग्रामीणों की उपस्थिति में घर जाकर सौंपी गई.

यूपी के बस्ती जिले के रहने वाले थे श्यामलाल 
यूपी के बस्ती जिला के नंदनगर चौरी गांव निवासी श्यामलाल कौशल अपनी बेटी और दामाद के साथ बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मोत्सव और गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने आए थे. इसी दौरान तेज बारिश में जिस टेंट के नीचे जाकर खड़े हुए थे वो गिर गया और सिर पर चोट लगने से श्यामलाल की मौत हो गई थी. इस हादसे की जब जानकारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तक पहुंची तो उन्होंने दिवंगत श्रद्धालु के बारे में गहरा शोक व्यक्त करते हुए उस दिन की चढ़ोत्तरी मृतक के परिवार को बतौर सहायता देने का वादा किया था. बागेश्वर धाम समिति के सदस्य आकाश अग्रवाल मृतक के गांव पहुंचे. वहां सरपंच अंजनी देवी के पति दिनेश कुमार और ग्रामीणों की उपस्थिति में यह राशि श्रद्धालु की पत्नी निर्मला देवी को सौंपी गई.

परिवार आ गया था आर्थिक संकट में 
श्यामलाल कौशल बर्तन की छोटी सी दुकान चलाकर किसी तरह घर-परिवार चला रहे थे. हादसे में उनकी मौते होने के बाद उनका पूरा परिवार आर्थिक संकट में आ गया था लेकिन बागेश्वर बाबा की सहायता से परिवार को काफी राहत मिली है. यह सहायता पूरे गांव के लिए प्रेरणास्पद बन गई है. श्यामलाल कौशल के बेटी सौम्या कौशल ने कहा, मैं खुद अपने पिताजी के साथ बागेश्वर धाम गई थी. हादसे में पिताजी की जान चली गई. मुझे और मां को भी चोट लगी थी. हमें नहीं लगा था कि हमारी बात बाबा तक पहुंचेगी. बाबा ने सहायता कर बड़ी कृपा की है.

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(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)