
सावन की शिवरात्रि 23 जुलाई 2025 को है. इस पर्व को मनाने को लेकर शिव भक्तों में उत्साह है. हर तरफ हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारे गूंज रहे हैं. इस बार सावन की शिवरात्रि पर महासंयोग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य पंडित शैलेंद्र पाण्डेय ने बताया कि इस बार शिवरात्रि पर साधना और पूजा करने से वरदानों की प्राप्ति अवश्य होगी. शुक्र की वजह से पंच महापुरुष योग और गुरु चंद की वजह से गज केसरी योग बन रहे हैं.
सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन की शिवरात्रि पर महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्र जप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. शिवरात्रि पर भगवान शिव का ध्यान करना, उनके मंत्र का जप करना और रात में जग करके साधना करने का विशेष महत्व बताया गया है.
शिवरात्रि की पौराणिक मान्यताएं
हिंदू परंपरा में शिवरात्रि बहुत बड़ा पर्व है. माना जाता है कि इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था और शिव जी का विवाह भी इसी दिन माना जाता है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है.
सावन शिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
1. सावन शिवरात्रि पर शिव उपासना के लिए प्रातःकाल स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें.
2. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और शिव जी को जल अर्पित करें.
3. फिर पंचउपचार पूजन करके शिव जी के मंत्रों का जाप करें.
4. रात्रि में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक अथवा शिव श्रुति का पाठ करें.
5. यदि चार पहर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे में शहद से पूजन करें.
6. हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करना है.
विशेष महावरदान प्राप्ति के उपाय
ज्योतिषाचार्य पंडित शैलेंद्र पाण्डेय ने बताया कि जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है, वे अपनी आयु के बराबर बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाकर प्रार्थना करें तो उनका विवाह शीघ्र होगा. सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए इससे अद्भुत संयोग हो ही नहीं सकता.
इस बार सावन की शिवरात्रि पर बृहस्पति, चंद्र और शुक्र ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण गज केसरी और पंच महापुरुष जैसे शुभ योग बन रहे हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इन संयोगों के कारण की गई पूजा और साधना से भक्तों को विशेष वरदानों की प्राप्ति हो सकती है. जिन लोगों के विवाह में विलंब हो रहा है, उनके लिए यह शिवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण है. जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है, वे इस बार सावन की शिवरात्री पर ऐसा संयोग बना है कि अगर वो अपनी आयु के बराबर बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाकर प्रार्थना करेंगे तो उनका विवाह शीघ्र होगा. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव का लिंग के रूप में प्राकट्य हुआ था. सावन की शिवरात्रि को शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का जलाभिषेक करने से परम पुण्यों की प्राप्ति होती है.