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Sawan Special: जब एक अंग्रेज बना शिवभक्त... कराया था इस शिव मंदिर का रेनोवेशन

यह कहानी है कर्नल मार्टिन और मध्य प्रदेश के मालवा में स्थित बैजनाथ मंदिर की. इस मंदिर को मार्टिन और उनकी पत्नी ने अपनी भक्ति और आभार स्वरूप 1883 में दोबारा बनवाया था.

Baijanth Temple, Malwa Baijanth Temple, Malwa

ब्रिटिश राज का नाम सुनते ही जहन में शोषण, लूट और मंदिरों की तोड़फोड़ जैसी बातें मन में आती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ अंग्रेज अफसर ऐसे भी थे जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से गहराई से प्रभावित थे? ऐसी ही एक कहानी है कर्नल मार्टिन और मध्य प्रदेश के मालवा में स्थित बैजनाथ मंदिर की, जिसे उन्होंने अपनी भक्ति और आभार स्वरूप 1883 में दोबारा बनवाया था. 

अफगान युद्ध में भगवान शिव ने बचाई जान
कर्नल मार्टिन, ब्रिटिश सेना में एक वरिष्ठ अधिकारी थे. जब वह अफगान युद्ध में गए, तो लगातार अपनी पत्नी को पत्र लिखते रहे. लेकिन एक दिन पत्र आने बंद हो गए. उनकी पत्नी मिसेज मार्टिन बेचैनी से पत्र का इंतजार करती रहीं, लेकिन खबर नहीं आई. 

एक दिन वह घोड़े पर सवार होकर अकेली जंगल की तरफ निकल पड़ीं. रास्ते में उन्हें बैजनाथ शिव मंदिर से शंख और आरती की आवाजें सुनाई दीं. वह वहां खिंची चली गईं. 

पहली बार शिव मंदिर में गईं एक अंग्रेज महिला
जब मिसेज मार्टिन मंदिर पहुंचीं, तो वहां एक जर्जर शिव मंदिर में आरती हो रही थी. पंडित जी ने उनकी परेशानी भांप ली और बात करने पर सारी बात जान ली. पंडित ने उन्हें 11 दिन तक “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने की सलाह दी और कहा कि शिव अपने दरबार से किसी को खाली नहीं लौटाते. 

हुई शिवजी की कृपा 
जैसे ही 10 दिन हुए, मिसेज मार्टिन को कर्नल का पत्र मिला. उसमें लिखा था कि युद्ध के दौरान वह खत लिखते रहे, लेकिन पठानों की घेराबंदी के कारण पत्र पहुंच नहीं सके. उन्होंने पत्र में लिखा, "जब मुझे लगा कि अब मेरी जिंदगी खत्म हो जाएगी, तब मैंने एक चमत्कार होते देखा. किसी अदृश्य शक्ति ने मेरी रक्षा की. "

शिवभक्ति का व्रत और मंदिर का पुनर्निर्माण
जब कर्नल मार्टिन लौटे, दोनों पति-पत्नी भगवान शिव के भक्त बन गए. उन्होंने 1883 में बैजनाथ शिव मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए एक बड़ी राशि दान में दी. बताया जाता है कि मंदिर के शिलालेख पर इस दान और घटना का उल्लेख मिलता है. 

इतिहास के पन्नों में ऐसे नाम भी हैं
सिर्फ कर्नल मार्टिन ही नहीं, चार्ल्स विल्किंस जैसे कई ब्रिटिश विद्वान थे जो भारतीय दर्शन से गहरे प्रभावित हुए. उन्होंने भगवद गीता का पहला अंग्रेज़ी अनुवाद किया. हर युग और हर समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो भक्ति, प्रेम और सच्चाई से जुड़ जाते हैं. 

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