scorecardresearch

Shardiya Navratri 2025: अकोला में जोर-शोर से नवरात्रि की तैयारी, कुम्हारवाड़ा में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार, जानिए कब से शुरू हो रहा ये पर्व?

पूरे देश में शारदीय नवरात्रि की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर को शुरू हो रही है. महाराष्ट्र के अकोला में मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम आकार देने में जुटे हैं. नवरात्रि का त्योहार नौ दिन तक बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है.

शारदीय नवरात्रि 2025 (Photo Credit: Getty) शारदीय नवरात्रि 2025 (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • नवरात्रि को लेकर जोर-शोर से तैयारी

  • 22 सितंबर से शुरू हो रही शारदी नवरात्रि

महाराष्ट्र के अकोला जिले में शारदीय नवरात्र महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं.गणेश विसर्जन के बाद अब अश्विन शुक्ल पक्ष में शुरू होने वाले नवरात्र उत्सव के लिए मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं गढ़ने में अकोला का कुम्हारवाड़ा पूरी तरह से व्यस्त है.नवरात्र उत्सव शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं.ऐसे में मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम आकार और आकर्षक रूप देने में जुटे हुए हैं.

अकोला के कुम्हारवाड़ा में बड़े-बड़े कला केंद्र हैं. यहां कहीं प्रतिमाओं की रंगाई चल रही है तो कहीं अंतिम नक्काशी और सजावट का काम हो रहा है.इन प्रतिमाओं की कीमत 2 हजार रुपए से लेकर 70 हजार रुपए तक है.अकोला जिले के साथ ही आसपास के जिलों से भी यहां प्रतिमाओं के ऑर्डर आ चुके हैं.नवरात्रि का नौ दिन का पर्व यहां बड़े उल्लास और भव्य जुलूस के साथ मनाया जाता है.

क्यों मनाई जाती है नवरात्रि?

  • हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत विशेष महत्व है.यह साल में दो बार आती है. चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्रि.
  • नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होते हैं. यह समय भक्ति, साधना और शक्ति उपासना का होता है.
  • नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है.
  • नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें. इन नौ रातों और दस दिनों तक शक्ति की आराधना की जाती है. नवरात्रि का संबंध सत्य की असत्य पर विजय और धर्म की अधर्म पर जीत से है. यह समय मंत्र-जाप, ध्यान और तपस्या के लिए अत्यंत शुभ होता है.

नवरात्रि का पौराणिक महत्व

हिन्दू धर्म में नवरात्रि को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं. इसकी पीछे कई कहानियां भी प्रचलित हैं. नवरात्रि की सबसे प्रसिद्ध कथा महिषासुर वध की है. महिषासुर नाम के राक्षस ने कठिन तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से यह वरदान प्राप्त किया कि उसे कोई देवता या पुरुष नहीं मार सकेगा. वरदान पाकर महिषासुर ने तीनों लोकों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया. तब सभी देवताओं की शक्तियों से मां दुर्गा का जन्म हुआ. मां दुर्गा ने नवरात्रि के नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन महिषासुर का वध कर धर्म की रक्षा की. इसी वजह से दसवें दिन को विजयादशमी (दशहरा) के रूप में मनाया जाता है, जो सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है.

सम्बंधित ख़बरें

  • नवरात्रि को लेकर भगवान राम से जुडी एक प्रचलित कथा है. मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए आदि शक्ति मां दुर्गा की आराधना की थी.
  • गवान राम ने नवरात्रि के दौरान चंडी पाठ और दुर्गा पूजा की. मां दुर्गा की कृपा से भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की. इसीलिए दशहरे के दिन रामलीला और रावण दहन का आयोजन किया जाता है.
Akola Navratri 2025
अकोला में नवरात्रि की तैयारी

क्या हैं नवरात्रि के नियम?

  • नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना या कलश स्थापना से होती है. नौ दिनों तक व्रत रखते समय सात्विक भोजन करें और प्याज-लहसुन से परहेज करें. 
  • नौ दिन तक हर रोज मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा करें. अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन और भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है.
  • दशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर नवरात्रि का समापन किया जाता है. इस दौरान भक्तजन व्रत रखते हैं.
  • नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष नियमों का पालन करते हैं. अगर इन नियमों का पालन श्रद्धा और सही तरीके से किया जाए तो मां दुर्गा की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है. 

(अकोला से धनंजय साबले की रिपोर्ट)