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Ghaziabad: स्केटिंग कांवड़ यात्रा! हरिद्वार से गाजियाबाद तक 2 बच्चों ने स्केटिंग से की कांवड़ यात्रा

सावन के महीने में गाजियाबाद के 2 बच्चों ने अनोखी कांवड़ यात्रा की. 9 साल की नंदनी और 11 साल के युग ने स्केटिंग करते हुए हरिद्वार से गाजियाबाद तक की 200 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा की. इस दौरान एक बच्चा हादसे का शिकार होने से भी बचा. लेकिन उसका भरोसा अडिग रहा.

Skating Kanwar Yatra Skating Kanwar Yatra

सावन का महीना चल रहा है. इस दौरान कांवड़ यात्रा चल रही है. इसमें भक्तों के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के 2 बच्चे स्केटिंग करते हुए हरिद्वार से गाजियाबाद तक की कांवड़ यात्रा की. इनके पिता का नाम पहले से ही वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है.

स्केटिंग से कांवड़ यात्रा-
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के शास्त्री नगर, बाग वाली कॉलोनी के रहने वाले 9 वर्षीय नंदनी और 11 वर्षीय युग ने स्केटिंग करते हुए हरिद्वार से गाजियाबाद तक 200 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा पूरी कर सभी को चौंका दिया. दोनों बच्चों ने यह कठिन यात्रा महज पाँच दिनों में पूरी की. हर दिन लगभग 40 किलोमीटर का सफर तय किया.

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पिता का नाम दर्ज-
इस अनोखी कांवड़ यात्रा की शुरुआत एक महीने पहले ही हुई, जब बच्चों के पिता मोहित गुर्जर ने उन्हें करीब एक हफ्ते हाईवे पर स्केटिंग की विशेष ट्रेनिंग दिलाई. मोहित गुर्जर स्वयं एक गौसेवक हैं, जिनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. वह अब तक 5000 से अधिक गायों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इतना ही नहीं, वो घायल गायों की सेवा भी करते हैं.

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हाईवे पर स्केटिंग की ट्रेनिंग-
मोहित गुर्जर का मानना है कि जैसे उन्हें भोलेनाथ और गुरु का आशीर्वाद मिला, वैसे ही उनके बच्चों को भी आस्था, संकल्प और भगवान का साथ मिल रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चों ने हाईवे पर स्केटिंग की ट्रेनिंग ली और यात्रा के दौरान प्रशासन व पुलिस का पूरा सहयोग मिला.

बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान-
यात्रा के दौरान कुल 15 से 20 लोगों का काफिला बच्चों के साथ रहा, जो उन्हें एस्कॉर्ट कर रहा था. बच्चों के खानपान का विशेष ध्यान रखा गया और डाइटिशियन की सलाह पर डाइट तैयार की गई. जिससे बच्चे स्केटिंग के दौरान डिहाइड्रेशन न हो.

सुरक्षित पूरी हुई यात्रा-
मोहित ने बताया कि यात्रा के दौरान एक बार नंदनी स्केटिंग करते हुए एक गाड़ी से हादसे का शिकार होते-होते बची, लेकिन वह सुरक्षित रही और अपने संकल्प पर अडिग रही. आज दोनों बच्चे गाजियाबाद पहुंच गए हैं, जहां प्रसिद्ध दूधेश्वरनाथ मंदिर में सभी जलाभिषेक करेंगे.

गाजियाबाद के बच्चों की तय की गई यह कांवड़ यात्रा एक नई मिसाल बनकर उभरी है, जहां भक्ति, समर्पण और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला.

(मयंक गौड़ की रिपोर्ट)

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