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Sawan Darshan: देवघर के ज्योतिर्लिंग में श्रावण मास में बंद रहेगा VIP दर्शन, AI और ड्रोन से होगी निगरानी

देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रावण मास के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए VIP, VVIP, और आउट-ऑफ-टर्न दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह निर्णय 2015 से लागू है और इस साल भी इसे सख्ती से लागू किया जाएगा.

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झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, जो भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है, हर साल श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगता है. इस साल 11 जुलाई से शुरू होने वाले मासव्यापी श्रावणी मेले की तैयारियों को लेकर झारखंड सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. खास बात यह है कि इस बार VIP, VVIP, और शीघ्र दर्शनम की सुविधा पूरे श्रावण मास में, खासकर रविवार और सोमवार को, पूरी तरह बंद रहेगी. साथ ही, AI तकनीक और ड्रोन की मदद से मेले की निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. 

श्रावणी मेले की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था  
झारखंड सरकार के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने हाल ही में देवघर में जिला प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और मेले की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने दावा किया कि मेले की तैयारियां पूरी तरह से मुकम्मल हैं. हर साल 60 से 70 लाख श्रद्धालु देश-विदेश से, खासकर बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, नेपाल, भूटान, और अन्य राज्यों से, बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस बार मेले में AI-आधारित निगरानी और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा ताकि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

VIP दर्शन पर क्यों लगी रोक?  
देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रावण मास के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए VIP, VVIP, और आउट-ऑफ-टर्न दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह निर्णय 2015 से लागू है और इस साल भी इसे सख्ती से लागू किया जाएगा. जिला प्रशासन के अनुसार, यह कदम सभी श्रद्धालुओं को समान अवसर और सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

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उपायुक्त नमन प्रियेश लाकड़ा ने कहा, "हमारा उद्देश्य सभी श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित जलार्पण की व्यवस्था करना है. VIP दर्शन की अनुमति न देने से भीड़ प्रबंधन में आसानी होगी और मंदिर की पवित्रता बनी रहेगी." रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शनम की सुविधा भी बंद रहेगी, क्योंकि इन दिनों भक्तों की संख्या और अधिक होती है.

AI और ड्रोन से होगी निगरानी  
इस बार श्रावणी मेला 2025 में तकनीक का विशेष उपयोग किया जाएगा. AI-आधारित निगरानी और ड्रोन की मदद से मेला क्षेत्र में भीड़ का प्रबंधन, सुरक्षा, और किसी भी संभावित खतरे की निगरानी की जाएगी. इसके अलावा, स्वच्छ पानी, मेडिकल कैंप, टेंट सिटी, और अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो. कुछ साल पहले मेला परिसर में भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर और सख्ती बरतनी शुरू की थी. तब से VIP दर्शन पर प्रतिबंध और तकनीकी निगरानी जैसे कदम उठाए गए हैं.

बाबा बैद्यनाथ धाम की महिमा  
बाबा बैद्यनाथ धाम न केवल एक ज्योतिर्लिंग है, बल्कि यह 51 शक्ति पीठों में से एक भी है, जहां माता सती का हृदय गिरा था. इसे हृदय पीठ के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना रावण ने की थी, जब भगवान विष्णु ने बैजू चरवाहे के रूप में इसे यहां स्थापित किया. इसलिए इसे बैजनाथ रावणेश्वर भी कहा जाता है. श्रद्धालु मानते हैं कि यहां जलार्पण और पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हर साल कांवड़ यात्रा में लाखों भक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर 115 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं.

श्रावणी मेले की रौनक  
श्रावणी मेला विश्व का सबसे लंबा धार्मिक मेला है, जो 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. इस दौरान देवघर गेरुआ रंग में रंग जाता है और बोल बम के नारों से गूंजता है. शहर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है, और चारों ओर शिव भक्ति की धुन सुनाई देती है. श्रद्धालु रेलगाड़ी, बस, निजी वाहन, और पैदल यहां पहुंचते हैं. रेलवे भी इस दौरान विशेष ट्रेनों का संचालन करता है ताकि श्रद्धालु सुगमता से यहां पहुंच सकें और सुखद अनुभव के साथ अपने गंतव्य को लौट सकें.

(सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट)