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भारतीय वायुसेना को दो एडवांस रडार सिस्टम देगा DRDO, मिसाइल हमलों का पता लगाने में होंगे माहिर

एयरबस, स्पेन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित दो एडवांस रडार सिस्टम- रडार वार्निंग रिसीवर (RWR)और मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम (MAWS)खरीदेगा, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा ऑर्डर किए गए 56 Airbus C295 विमानों में शामिल किया जाएगा.

Radar System (representative image) Radar System (representative image)
हाइलाइट्स
  • भारत के एयरोस्पेस इकोसिस्टम का होगा विकास

  • कम बिजली खपत के साथ वजन में होंगे कम

एयरबस, स्पेन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित दो एडवांस रडार सिस्टम- रडार वार्निंग रिसीवर (RWR)और मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम (MAWS) खरीदेगा, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा ऑर्डर किए गए 56 Airbus C295 विमानों में शामिल किया जाएगा. यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत प्राइवेट सेक्टर में किया गया कोई पहला ऐरोस्पेस प्रोग्रामिंग कार्य है. इसमें एक पूर्ण इंडस्ट्रीयल इकोसिस्टम का विकास शामिल है, जिसमें निर्माण, संयोजन, परीक्षण और योग्यता से लेकर वितरण और रखरखाव तक की चीजें शामिल हैं. इसके अलावा इसके तहत विमान की पूरी लाइफसाइकल पर नजर रखी जाएगी. 

एयरबस भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से आरडब्ल्यूआर (RWR) और एमएडब्ल्यूएस (MAWS)का अधिग्रहण करेगी. 

वजन में होगा काफी कम
DRDO का अल्ट्रा वायलेट-आधारित मिसाइल एप्रोच वार्निंग सिस्टम (UVMAWS)एक निष्क्रिय मिसाइल वार्निंग सिस्टम है, जो आने वाले मिसाइल हमलों का पता लगाती है और पायलटों को जवाबी कार्रवाई शुरू करने के लिए चेतावनी देती है. यह एक छोटे साइज का हाईपरफार्मेंस सिस्टम है,जो हेलीकाप्टरों और परिवहन विमानों के लिए उपयुक्त है. इसके साथ ही इसका वजन भी बहुत कम होता है और यह कम बिजली खाता है.

4 साल में भेजे जाएंगे 16 एयरक्राफ्ट
डीआरडीओ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि अत्याधुनिक आरडब्ल्यूआर प्रणाली समय-समय पर फ्रीक्वेंसी बैंड को स्कैन करके रडार सिस्टम के रेडियो उत्सर्जन को रोकने में सक्षम है. सितंबर में भारत ने IAF की विरासत AVRO फ्लीट को बदलने के लिए 56 Airbus C295 विमानों के अधिग्रहण को औपचारिक रूप दिया था.

भारत के एयरोस्पेस इकोसिस्टम का होगा विकास
एग्रीमेंट के तहत एयरबस सेविले (Seville,)स्पेन अपनी फाइनल असेंबली लाइन से 'flyaway'स्थिति में पहले 16 विमान भेजेगा. कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि कंपनियों के बीच औद्योगिक साझेदारी के तहत बाद के 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा किया जाएगा. कॉन्ट्रेक्ट के अमल में आने के बाद पहले 16 एयरक्राफ्ट अगले 4 साल तक भेजे जाएंगे. यह सारे IAFC295s ट्रांसपोर्ट कंफीगरेशन के माध्यम से दिए जाएंगे. 

एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के सीईओ माइकल शॉएलहॉर्न ने कहा, "इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए भारत के एयरोस्पेस इकोसिस्टम के विकास का समर्थन होगा, जो आने वाले 10 वर्षों में निवेश, 15 हजार स्किल्ड डायरेक्टर जॉब्स और 10,000 इंडायरेक्ट पोजिशन्स को लाने में हमारी मदद करेंगे."