

अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में वैज्ञानिकों ने पहली बार घोड़ों के DNA को CRISPR–Cad9 तकनीक से एडिट किया है. ये दुनिया के पहले ऐसे CRISPR-एडिटेड घोड़े हैं जिनके जीन में बदलाव कर उन्हें और ज्यादा शक्तिशाली और तेज बनाने की कोशिश की गई है.
CRISPR टेक्नोलॉजी क्या है?
CRISPR-Cas9 एक ऐसी जीन एडिटिंग तकनीक है जिससे डीएनए को बहुत ही सटीक तरीके से काटकर उसमें मनचाहे बदलाव किए जा सकते हैं. यह तकनीक पहले प्रयोगशालाओं में रिसर्च तक सीमित थी, लेकिन अब इसका इस्तेमाल पशुओं में भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और हाल ही में इसी तकनीक से अर्जेंटीना में दुनिया के पहले CRISPR-एडिटेड घोड़े पैदा हुए हैं.
इन घोड़ों के डीएनए में किया गया है खास बदलाव
अर्जेंटीना के Kheiron Biotech संस्थान ने 10 महीने पहले पांच ऐसे घोड़ों को जन्म दिया जो बाहर से तो आम घोड़े जैसे लगते हैं, लेकिन उनके डीएनए में Myostatin नामक जीन को बदला गया है. यह जीन मांसपेशियों के विकास को नियंत्रित करता है, और इसके एडिट होने से घोड़ों की रफ्तार बढ़ाने की क्षमता मिलती है.
ये सभी घोड़े एक प्रसिद्ध पोलो घोड़े 'Polo Pureza' के क्लोन हैं. वैज्ञानिकों ने पहले भ्रूण की कोशिकाओं (फाइब्रोब्लास्ट) में CRISPR तकनीक से बदलाव किया, फिर उन भ्रूणों को मादा घोड़ियों में प्रत्यारोपित किया.
क्यों हो रहा जीन-एडिटेड घोड़ों पर विवाद क्यों?
वैज्ञानिक इस तकनीक को भविष्य की बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं, लेकिन अर्जेंटीना में पोलो खेल समुदाय में इसे लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है. अर्जेंटीना में पोलो बेहद लोकप्रिय खेल है. कुछ लोगों का मानना है कि इससे पारंपरिक ब्रीडिंग और लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा.
Argentine Polo Association और International Federation for Equestrian Sports जैसी संस्थाओं ने ऐसे जीन-एडिटेड घोड़ों के खेल में इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.
University of Minnesota की वैज्ञानिक डॉ. मोल्ली मैकक्यू का कहना है कि यह साबित करना बेहद अहम है कि CRISPR तकनीक घोड़ों पर काम कर रही है. उनका कहना है कि घोड़ों की ब्रीडिंग सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान और कला का मेल है.
CRISPR टेक्नोलॉजी से कृषि में क्रांति
घोड़ों के बाद अब गाय, सूअर और भेड़ जैसे जानवरों में भी CRISPR तकनीक का प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है. इसका मकसद मांस, दूध और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है.
Acceligen नामक कंपनी ने ‘PRLR-SLICK’ गायों को तैयार किया है जिनके बाल छोटे और चिकने होते हैं, जिससे वे ज्यादा गर्मी सहन कर पाती हैं. यह जलवायु परिवर्तन के अनुकूल एक समाधान है. अमेरिका की FDA ने 2022 में इन्हें मानव उपभोग के लिए मंजूरी भी दे दी.
भारत में बनी CRISPR से एडिट भेड़
भारत में वैज्ञानिकों ने हाल ही में CRISPR से एडिट की गई पहली भेड़ बनाई है. इसमें भी myostatin जीन को बदला गया है ताकि मांस उत्पादन में वृद्धि हो सके.
वहीं ब्रिटेन की कंपनी Genus ने ऐसे सूअर तैयार किए हैं जो PRRS वायरस से सुरक्षित हैं. इसके लिए CD163 जीन को CRISPR से बदला गया है. ये सूअर 2026 तक अमेरिकी बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं.
हाइपोएलर्जेनिक मांस देने वाले GalSafe सूअर
Revivicor कंपनी ने CRISPR से GGTA1 जीन को निष्क्रिय कर ऐसा सूअर तैयार किया है जिसका मांस एलर्जी पैदा नहीं करता. इसके अंगों को भविष्य में मानव शरीर में प्रत्यारोपण के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. FDA ने इन्हें 2020 में मंजूरी दे दी थी.