Deaf Children
Deaf Children जन्म से बहरे बच्चे ने पहली बार बारिश की आवाज सुनी... मां की आवाज पहचानी... और फिर बात करने लगा. ये किसी चमत्कार की कहानी नहीं, बल्कि जीन थेरेपी से जुड़ी मेडिकल साइंस की नई सफलता है. एक हालिया ट्रायल में जन्म से बहरे 10 बच्चों और युवाओं को इलाज देकर सुनने की क्षमता वापस दिलाई गई है.
6 महीने में ठीक हुई सुनने की क्षमता
इस क्लिनिकल ट्रायल में शामिल सभी 10 प्रतिभागियों की सुनने की शक्ति में सुधार देखा गया. इनकी उम्र 1 से 24 साल के बीच थी. इलाज के कुछ ही हफ्तों में मरीजों को हल्की-फुल्की आवाजें सुनाई देने लगीं और 6 महीने के अंदर उनकी सुनने की क्षमता में काफी हद तक सुधार देखने को मिला.
क्या होती है जीन थेरेपी?
इस थेरेपी का फोकस था OTOF नाम के जीन पर, जिसकी वजह से दुनिया में लगभग 2 लाख लोग जन्म से बहरेपन का शिकार होते हैं. यह जीन एक खास प्रोटीन ‘ओटोफरलीन’ बनाता है, जो कान से दिमाग तक आवाज पहुंचाने का काम करता है. जब यह प्रोटीन नहीं बनता, तो लोग आवाज नहीं सुन पाते.
सिर्फ एक इंजेक्शन से हो पाया मुमकिन
इस थेरेपी के तहत वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम वायरस की मदद से स्वस्थ OTOF जीन को कान के अंदर एक खास झिल्ली के जरिए पहुंचाया. यह प्रक्रिया केवल एक इंजेक्शन से पूरी की गई और किसी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी.
सबसे अच्छे रिजल्ट बच्चों में मिले
विशेषज्ञों के मुताबिक, 5 से 8 साल के बच्चों में इसका असर सबसे अच्छा और तेजी से देखा गया. 7 साल की एक बच्ची जिसने पहले कभी कोई आवाज नहीं सुनी थी, इस थेरेपी की मदद से 4 महीने बाद ही मां से सामान्य बातचीत करने लगी. इस बच्ची को एक कान में पारंपरिक कॉक्लियर इम्प्लांट और दूसरे कान में जीन थेरेपी दी गई थी. इलाज के बाद अब वह सामान्य रूप से सुन सकती है.
1 महीने में असर, 6 महीने में बड़ा सुधार
इलाज के एक महीने के अंदर ही सभी मरीजों में सुनने की शुरुआत हो गई. 6 महीने बाद इनकी सुनने की औसत सीमा 106 डेसिबल से घटकर 52 डेसिबल तक पहुंच गई. मरीजों को बारिश की आवाज, दरवाजा बंद होने की आवाज, और अपने नाम की पुकार सुनाई देने लगी.
यह अध्ययन चीन के अस्पतालों और विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर किया गया और इसे Nature Medicine जर्नल में प्रकाशित किया गया है. स्वीडन के करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. माओली दुआन ने कहा, “OTOF सिर्फ शुरुआत है. अब हम अन्य आम जीन जैसे GJB2 और TMC1 पर भी रिसर्च कर रहे हैं, जिनकी वजह से बहरेपन के ज्यादा मामले देखे जाते हैं.”
बहरेपन का इलाज मुमकिन होगा
यह जीन थेरेपी सिर्फ एक मेडिकल उपलब्धि नहीं, बल्कि लाखों बच्चों और युवाओं के जीवन में उम्मीद की किरण है. यह साबित करता है कि आने वाले समय में जन्म से बहरेपन का इलाज मुमकिन होगा.