dental root canal treatment
dental root canal treatment बेंगलुरू के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने छोटे नैनोबॉट को विकसित किया है. जिन्हे दांतों में इंजेक्ट किया जाएगा. ये नैनोबॉट दांत के अंदर के किटाणुओं मारने का काम करेंगे. इन नैनोबॉट के जरिए दांतों का इलाज और भी बेहतरीन तरीके से हो सकेगी. ये नैनोबॉट दांतों के इंफेक्टेड सॉफ्ट टिसू को हटा दिया देगा.
IISc की इस नई रिसर्च में शोधकर्ताओ ने लेपित सिलिकॉन डाइऑक्साइड से बने हेलीकल नैनोबॉट्स को विकमित किया है. इसे कम तीव्रता वाले चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले डिवाइस को नियंत्रित किया जाता है. वहीं यह शोध एडवांस्ड हेल्थकेयर मैटेरियल्स जर्नल में प्रकाशित हो चुका है.
नैनोबॉट ऐसे करते है काम
इसके बारे में आईआईएससी के सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीईएनएसई) के रिसर्च एसोसिएट शनमुख श्रीनिवास ने बताया कि दांत की नलिकाएं बहुत छोटी होती हैं, और बैक्टीरिया ऊतक में गहरे रहते हैं. अभी तक तकनीक अंदर तक जाने और बैक्टीरिया को मारने के लिए पर्याप्त कुशल नहीं हैं.
दांतों के इलाज के लिए विकसित कर रहें औप उपकरण
शोधकर्ताओ ने इसका सबसे पहले परीक्षण चूहों के उपर किया था. चूहों पर इसका परीक्षण सुरक्षित और प्रभावी रहा. इसके साथ ही वह नए प्रकार के चिकित्सा उपकरण को विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं जो आसानी से मुंह के अंदर फिट हो सके. जिसकी मदद से दांत के डॉक्टर रूट कैनाल उपचार के दौरान दांतों के अंदर नैनोबॉट्स को इंजेक्ट करके लोगों का इलाज कर सके.