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अंतरिक्ष में भारत की उड़ान! इसरो ने लॉन्च किया ओशनसैट-3, जानिए क्यों है खास

इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए आज की सुबह ऐतिहासिक और खास है, क्योंकि आज इसरो ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च पैड से PSLV-सी-54 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में ओशनसैट-3 सैटेलाइट भेजा है. ये सैटेलाइट समुद्र से जुड़ी जानकारी के साथ निगरानी में भी मददगार साबित होगा. इसके साथ 8 नैनो सैटेलाइट भी भेजे जाने के लिए तैयार है. जिनमें भूटान का भी एक सैटेलाइट भी शामिल है.

इसरो ने लॉन्च किया ओशनसैट-3 इसरो ने लॉन्च किया ओशनसैट-3
हाइलाइट्स
  • आठ नैनो सैटेलाइट भेज रहा है इसरो

  • भूटानी सैटेलाइट भी है शामिल

  • भारत-भूटान का ज्वाइंट सैटेलाइट शामिल

अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने फिर कमाल कर दिखाया है. इसरो के नाम पर एक और उपलब्धि जुड़ गई है. ISRO ने अंतरिक्ष में सफलता की एक और कहानी लिखी है. इस बार PSLV रॉकेट अपने 54वें मिशन पर निकला है. इसरो ने इस मिशन को PSLV C-54 नाम दिया गया है. मिशन की सफलता के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने बहुत तैयारी की थी, और वो बेसब्री से सफलता का इंतजार कर रहे थे.

क्या है सैटेलाइट की खासियत?
आज सुबह 11 बजकर 56 मिनट के तय वक्त पर PSLV-सी 54 रॉकेट अपने साथ ओशनसैट-3 और आठ नैनो सैटेलाइट्स को लेकर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ. साल 1999 में पहली बार ओशनसैट-1 सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था. इसके बाद इसी सीरीज का दूसरा सैटेलाइट 2009 में अंतरिक्ष में भेजा गया और अब ओशनसैट-3 सैटेलाइट भेजने की तैयारी है. ये ओशनसैट सैटेलाइट भारत के लिए काफी अहम है. क्योंकि इसकी मदद से ना केवल समुद्री सतह के तापमान का नापा जा सकेगा. बल्कि इससे समुद्री इलाकों में क्लोरोफिल, फाइटोप्लैंकटन, एयरोसोल और प्रदूषण की भी जांच करने में मदद मिलेगी. इस ओशनसैट-3 सैटेलाइट का वजन एक हजार किलोग्राम है. जिसे ISRO ने अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट-6 नाम दिया है.

आठ नैनो सैटेलाइट भी भेज रहा है इसरो
इतना ही नहीं ISRO अपने इस मिशन में जो आठ नैनो सैटेलाइट्स भेज रहा है. उनमें भारत और भूटान का ज्वाइंट सैटेलाइट यानी भूटान सेट है. जो एक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर है. जबकि आनंद निजी कंपनी पिक्सल का सैटेलाइट है. इसी तरह भारतीय भारतीय निजी स्पेस कंपनी धुव्र के दो थायबोल्ट सैटेलाइट और स्पेसफ्लाइट USA के चार एस्ट्रो कास्ट सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे.

भूटानी सैटेलाइट भी है शामिल
इसरो के इस मिशन में जो आठ नैनो सैटेलाइट भेजे जा रहे हैं. उनके काम को लेकर एक्सपर्ट उत्साहित हैं और इस मिशन में इनकी अहम भूमिका मानते हैं. यही नहीं इन 8 नैनो सैटेलाइट में जो भूटान का सैटेलाइट शामिल है वो भारत की स्पेस के क्षेत्र में भूटान को दिए जा रहे सहयोग का प्रदर्शन है. साथ ही ये भूटान का स्पेस में पहला कदम है जिसमें उसे भारत मदद दे रहा है.

दुनिया में बढ़ेगा भारत का दबदबा
इन सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने की एवज में ISRO को आर्थिक फायदा तो होगा ही दुनिया एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों का दम देखेगी. बीते कुछ सालों में ISRO वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की दुनिया में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं. उनकी इसी कामयाबी ने अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारत के दबदबे को और मजबूत किया है. अब इसरो के साथ पूरे देश को अंतरिक्ष में भारत की इस सफलता का इंतजार है.