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इसरो ने चंद्रयान-2 को नासा के लूनर ऑर्बिटर से टकराने से रोका, भविष्य में ऐसे हादसे रोकने का भी प्लान

इस अभ्यास को 18 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे किया गया था. इसरो ने कहा कि अभ्यास के बाद के ट्रैकिंग डेटा के साथ CH2O की कक्षा निर्धारित की गयी ताकि निकट भविष्य में दोनों के बीच कोई टकराव नहीं हो.

चंद्रयान -2 चंद्रयान -2
हाइलाइट्स
  • 18 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे किया गया था अभ्यास.

  • भविष्य में नहीं होगा कोई टकराव.

इंडियन स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के अनुसार, भारत के चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान ने नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) के साथ टकराव से बचने के लिए एक अभ्यास (CAM)  किया था. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान -2 ऑर्बिटर (CH2O) और नासा के LRO के बीच 20 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार सुबह 11:15 पर लूनर नॉर्थ पोल के पास टकराव होने की उम्मीद थी. 

टकराव से एक हफ्ते  पहले इसरो और जेपीएल/नासा दोनों के विश्लेषणों ने लगातार दिखाया था कि दोनों अंतरिक्ष यान के बीच रेडियल सेपरेशन 100 मीटर से कम होगा और निकटतम दूरी केवल तीन किलोमीटर होगी. दोनों स्पेस एजेंसियों ने माना कि इस जोखिम को कम करने के लिए और टक्कर से बचने के लिए अभ्यास (CAM) की आवश्यकता थी. ऐसी गंभीर स्थिति में इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के इंजनों को ऑन करके दूसरी कक्षा में भेजा.

भविष्य में नहीं होगा दोनों के बीच कोई टकराव

इस अभ्यास को 18 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे किया गया था. इसरो ने कहा कि अभ्यास के बाद के ट्रैकिंग डेटा के साथ CH2O की कक्षा निर्धारित की गयी और यह पुष्टि की गई कि निकट भविष्य में दोनों के बीच कोई टकराव नहीं होगा. इसरो ने कहा कि CH2O की तरह LRO चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करता है और इसलिए दोनों अंतरिक्ष यान चंद्र ध्रुवों पर एक दूसरे के करीब आते हैं. आपसी समझौते के तहत इसरो और नासा ने 18 अक्टूबर को अपने-अपने स्पेसक्राफ्ट की कक्षा को धीरे-धीरे बढ़ाना और घटाना शुरु किया. इसरो ने जब कक्षा बदल ली तो उसके बाद मिले डेटा के अनुसार अब नासा के LRO और चंद्रयान-2 (CH2O) में निकट भविष्य में किसी तरह के टक्कर की आशंका नहीं है. भविष्य में अगर ऐसी कोई आशंका बनती दिखी तो फिर से कक्षाओं में परिवर्तन किया जाएगा.

अंतरिक्ष मलबे और परिचालन अंतरिक्ष यान सहित अंतरिक्ष वस्तुओं के कारण टकराव के जोखिम को कम करने के लिए पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों के लिए CAM से गुजरना आम बात है. इसरो ने कहा कि वह नियमित रूप से ऐसे नज़दीकी टकरावों  की निगरानी करता है और अपने उपग्रहों के बचाव के लिए अभ्यास करता है. 

अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल की जरूरत

बयान में कहा गया है, "हालांकि, यह पहली बार है जब इसरो के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन के लिए इस तरह के नजदीकी टकराव की स्थिति आई थी जिसके लिए अभ्यास की आवश्यकता थी." यह घटना लूनर और मर्शियन मिशनों के लिए टकराव की स्थितियों से बचने के लिए निरंतर मूल्यांकन के महत्व पर प्रकाश डालती है. साथ ही ऐसी किसी स्थिति से बचने के लिए अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय और तालमेल की जरूरत को दर्शाती है. 

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