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ISRO ने लॉन्च किया EOS-04 सैटेलाइट, अब हर मौसम में मिलेंगी धरती की हाई क्वालिटी फोटो, आसानी से किया जा सकेगा स्थिति का आकलन

इसरो ने EOS-04 के साथ और दो छोटे सहयात्री सैटेलाइट भी भेजे हैं. इस मिशन में INSPIRESat और INSAT-2DT सैटेलाइट को भी रडार इमैजनिंग सैटेलाइट के साथ लॉन्च किया गया है. आपको बता दें कि INSPIRESat एक स्टूडेंट सैटेलाइट है. इसके अलावा, दूसरा सैटेलाइट INSAT-2DT इसरो और भूटान का संयुक्त सैटेलाइट है.

ISRO launches first satellite mission of 2022 ISRO launches first satellite mission of 2022
हाइलाइट्स
  • सुबह 05:59 पर लॉन्च किया गया मिशन

  • साल 2022 में इसरो का पहला मिशन

सोमवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साल 2022 का अपना पहला मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. इसरो का पहला रडार इमैजनिंग सैटेलाइट Earth Observation Satellite (EOS-04) आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया. इसके साथ दो छोटे सहयात्री उपग्रह भी भेजे गए हैं. 

बताया जा रहा है कि पीएसएलवी-सी52 के जरिए 1,710 किलोग्राम वजन वाले ईओएस-04 सैटेलाइट को सूर्य की ध्रुवीय कक्षा में धरती से 529 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा. 

साथ भेजे गए दो छोटे उपग्रह:

इसरो ने EOS-04 के साथ और दो छोटे सहयात्री सैटेलाइट भी भेजे हैं. इस मिशन में INSPIRESat और INSAT-2DT सैटेलाइट को भी रडार इमैजनिंग सैटेलाइट के साथ लॉन्च किया गया है. आपको बता दें कि INSPIRESat एक स्टूडेंट सैटेलाइट है. 

इसे आईआईएसटी (Institute of Space Science and Technology -IIST) के छात्रों ने अमेरिका के कोलोराडो यूनिवर्सिटी में लेबोरेटरी ऑफ एटमॉसफेयर एंड स्पेस फिजिक्स (Laboratory of Atmospheric and Space Physics) के छात्रों के साथ मिलकर बनाया है. 

इस सैटेलाइट में सिंगापुर के एनटीयू के छात्रों ने भी सहयोग दिया है. इस सैटेलाइट में मौजूद पेलोड्स सूर्य की उष्मा को बेहतर ढंग से समझ पैदा करने में मदद करेंगे.

इसके अलावा, दूसरा सैटेलाइट INSAT-2DT इसरो और भूटान का संयुक्त सैटेलाइट है. इसमें थर्मल इमैजनिंग कैमरा और पेलोड्स लगे हुए हैं. इसका काम पृथ्वी की सतह का तापमान सटीक तरीके से मापना है. 

क्या है इस मिशन का फायदा: 

बात अगर इस मिशन से होने वाले फायदे की करें तो बताया जा रहा है कि EOS-04 सैटेलाइट एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है. यह पृथ्वी को हर एक मौसम और स्थिति में अच्छे से ऑब्ज़र्व करते हुए इसकी अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें भेजेगा.

इस सैटेलाइट की मदद से इससे बाढ़, मृदा अपरदन, जंगल, कृषि, हरियाली आदि की सटीक मैपिंग की जा सकेगी. और इसके अलावा आद्र भूमि, झील, फसल आदि का बेहतर ढंग से आकलन हो पायेगा. इस सैटेलाइट का कार्यकाल 10 सालों के लिए होगा.  

पीएसएलवी से इसरो की यह 54वीं उड़ान हैऔर PSLV-XL के साथ यह इसरो का 23वां मिशन है.