
भारत हो या दुनिया का कोई भी देश...हर कोई गंजेपन की समस्या से परेशान है. खासकर पुरुषों में यह समस्या ज्यादा चिंताजनक है लेकिन गंजेपन से परेशान हो चुके लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. जापान के वैज्ञानिकों ने एक नई रिसर्च में दो ऐसे पौधों के अर्क (extracts) खोजे हैं, जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा दे सकते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि ये दोनों अर्क दुनिया भर में आसानी से और सस्ते दामों पर मिलते हैं.
कौन-कौन से हैं ये पौधे?
Phellodendron Bark – यह एक मोटी छाल है जो एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है. इसकी छाल मोटी और कॉर्क जैसी होती है, इसलिए इसे "कॉर्क ट्री" भी कहते हैं.
Chinpi – यह एक तरह का सूखा हुआ संतरे का छिलका होता है, जिसे पारंपरिक चीनी और जापानी चिकित्सा में लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है.
कैसे काम करता है ये नुस्खा?
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये दोनों तत्व बालों की ग्रोथ से जुड़ी एक खास प्रोटीन Placental Growth Factor (PlGF) के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं. यह प्रोटीन बालों की जड़ों में मौजूद डर्मल पैपिला सेल्स में बनता है और नए बाल उगाने की प्रक्रिया में बेहद अहम भूमिका निभाता है.
बाल ही नहीं, पलकें भी होंगी घनी!
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ सिर के बालों तक ही सीमित नहीं रहेगा. इसे भविष्य में आईलैश ग्रोथ यानी पलकों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
हर किसी को मिल पाएगा सस्ता इलाज
Rohto के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे लंबे समय से बालों की देखभाल पर रिसर्च कर रहे हैं और चाहते हैं कि हर उम्र और हर लिंग के लोग बिना किसी झिझक के सस्ते, असरदार और सुरक्षित प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकें. उनका मानना है कि आज मार्केट में मौजूद बाल उगाने वाले कई प्रोडक्ट्स या तो बहुत महंगे हैं, या फिर उनके असर को लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता.
ब्रिटेन में 1.5 करोड़ लोग झेल रहे बालों की समस्या
सिर्फ ब्रिटेन में ही 15.4 मिलियन यानी करीब डेढ़ करोड़ लोग बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं. हालिया अध्ययनों के अनुसार, लगभग 50% भारतीय पुरुष 25 वर्ष से कम आयु में ही बालों के झड़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं. महिलाओं में भी गंजापन होता है, लेकिन यह पुरुषों की तुलना में कम आम है. भारत में लोग शर्मिंदगी से बचने के लिए कभी विग तो कभी टॉपिकल क्रीम्स का इस्तेमाल करते हैं.
अभी यह रिसर्च शुरुआती चरण में है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि वे इस दिशा में और गहराई से काम कर रहे हैं ताकि इस नुस्खे को जल्द से जल्द आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जा सके. अगर यह तकनीक कारगर साबित होती है, तो यह बालों की दुनिया में एक बड़ी क्रांति बन सकती है.