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Dragon Capsule: क्या है ड्रैगन कैप्सूल, इसमें क्या होते हैं सुरक्षा के इंतजाम, क्या है खासियत

शुभ्रांशु शुक्ला ड्रैगन कैप्यूल से 10 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवान होंगे. शुभ्रांशु 14 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहेंगे. ड्रैगन कैप्सूल दो तरह का होता है. इसमें क्रू ड्रैगन कैप्सूल और कार्गो ड्रैगन कैप्सूल शामिल है.

Dragon Capsule (Photo/PTI) Dragon Capsule (Photo/PTI)

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे. लेकिन इसकी तारीख में बदलाव किया गया है. पहले शुभ्रांशु 8 जून को जाने वाले थे, लेकिन अब 10 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे. शुभ्रांशु ड्रैगन कैप्सूल से स्पेस में जाएंगे. यह स्वचालित डॉकिंग और सुपरड्रैको इंजन वाला यान है. इस कैप्सूल की कीमत 500 करोड़ रुपए है. स्पेसएक्स के इसी कैप्सूल से सुनीता विलियम्स को भी धरती पर लाया गया था. चलिए आपको इस ड्रैगन कैप्सूल के बारे में बताते हैं.

क्या है ड्रैगन कैप्सूल-
यह कैप्सूल स्पेसएक्स का एक अंतरिक्ष यान है. यह दो प्रकार का होता है. इसमें क्रू ड्रैगन और कार्गो ड्रैगन शामिल है. क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जाता है. जबकि कार्गो ड्रैगन कैप्सूल में वैज्ञानिक उपकरण और सामान ले जाया जाता है. क्रू ड्रैगन कैप्सूल को पहली बार साल 2020 में यात्रियों के साथ उड़ा था. जबकि कार्गो कैप्सूल साल 2010 में पहली बार उड़ान भरा था. इसका इस्तेमाल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक सामान ले जाया गया था.

Dragon Capsule (Photo/PTI)

ड्रैगन कैप्सूल की खासियत-
ड्रैगन कैप्सूल की खास बात ये है कि ये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से खुद जुड़ सकता है. इससे किसी भी मिशन को अंजाम देना सेफ और आसान होता है. क्रू ड्रैगन को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे 15 मिशनों तक इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें 8 सुपरड्रैको इंजन हैं, जो इमरजेंसी में कैप्सूल को रॉकेट से अलग कर सकते हैं. कैप्सूल के ट्रंक पैनल में सोलर पैनल लगे होते हैं, जो बिजली बनाते हैं.

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Dragon Capsule (Photo/PTI)

क्रू ड्रैगन 7 यात्रियों को साथ ले जा सकता है. जबकि कार्गो कैप्सूल से 6 हजार किलोग्राम सामान ले जाया जा सकता है. यह पैराशूट के साथ समंदर में उतरता है. इसमें तीन टचस्क्रीन डिस्प्ले वाला कंट्रोल पैनल है, जो अंतरिक्ष यात्री को यान चलाने में मदद करता है. कैप्यूल की ऊंचाई 8.1 मीटर और व्यास 4 मीटर है.

ISS पर 14 दिन रहेंगे शुभ्रांशु-
ड्रैगन कैप्सूल में उन्नत कूलिंग सिस्टम और विशेष स्पेस सूट लगे रहते हैं, जो कम दबाव में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाते हैं. शुभ्रांशु शुक्ला का मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होगा. शुभ्रांशु शुक्ला आईएसएस पर 14 दिन रहेंगे और 7-9 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.

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