Archaeologists say find supports theory that drug was used in burial rituals
Archaeologists say find supports theory that drug was used in burial rituals दुनिया भर में नशे का इस्तेमाल होता आया है,लेकिन क्या आपको पता है कि नशे का इस्तेमाल सबसे पहले कहां हुआ था. इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए रिसर्चर ने एक खोज की और जवाब हैरान करने वाला था. दरअसल प्राचीन समय में सबसे पहले अफीम के इस्तेमाल का सबूत मध्य इजरायल में मिला है .अफीम के इस्तेमाल का सबूत 14वीं शताब्दी ईसा पूर्व कांस्य युग के एक कब्रिस्तान में मिला है. इन कब्रिस्तानो में अफीम के अवशेष मिले हैं जो उस जमाने में अफीम के बीज से कैप्सूल बनाए जाने की गवाही देते हैं. दिलचस्प बात ये भी है कि ये सभी अवशेष 3,500 साल पुराने आधा दर्जन से ज्यादा मिट्टी के बर्तनों में मिले हैं, ये साइट तेल अवीव के ठीक बाहर तेल येहुद में है. जिसे पहले कनान के नाम से जाना जाता है.
बता दें कि पुरातत्वविदों ने 2012 में खुदाई के दौरान एक मकबरे की खोज की थी. इस मकबरे में पुरातत्वविदों को 40-50 साल की उम्र के बीच मरने वाले एक पुरुष कंकाल मिला था, पुरातत्वविदों ने 2017 में वापस खुदाई की और पाया कि कंकाल के आस-पास मिट्टी के बर्तन में अफीम भी हैं. ये रिसर्च 2 जुलाई को इज़रायल एंटीक्विटीज अथॉरिटी और वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में छपी है.
बर्तनों में मिला अफीम
इस खोज के बाद 22 बर्तनों का कैमिकल विश्लेषण किया गया, और ये नतीजे मिले कि इन बर्तनो में सबसे ज्यादा नशीली दवाओं की मात्रा है. ये भी दावा किया गया है कि इनमें से कुछ बर्तनो को साइप्रस द्वीप से मंगाया गया था. स्टडी में ये बताया गया है कि अफीम भूमध्यसागर में कम से कम छह हजार साल से मौजूद था. ये अफीम नियोलिथिक समुदायों की खेती थी.
तो इसलिए रखा गया अफीम
इस अध्ययन की प्रमुख लेखक वैनेसा लिनारेस का कहना है कि ये अभी तक साफ नहीं है कि अफीम को इन बर्तनो में रखकर कब्र में क्यों छुपाया गया. ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक सुमेरियन पुजारी आध्यात्मिकता को पाने के लिए अफीम का इस्तेमाल करते थे. तब ये पुजारी कब्र में देवताओं को चढ़ावे के तौर पर अफीम चढ़ाते थे.