
अफ्रीका, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में रविवार रात चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा. चंद्र ग्रहण के वक्त चांद लाल हो जाता है. इसलिए इसे ब्लड मून भी कहा जाता है. भारत में यह रात 9:58 बजे शुरू होगा और करीब 82 मिनट तक चलेगा.
चंद्र ग्रहण प्रकृति की सबसे अद्भुत खगोलीय घटनाओं में से एक है. जब भी चंद्र ग्रहण लगता है, लोग इसे देखने के लिए उत्साहित रहते हैं और कई मिथक-कथाएं भी इससे जुड़ी होती हैं. लेकिन इसके पीछे की असली वजह और विज्ञान को समझना भी उतना ही ज़रूरी है. आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण कब और कैसे लगता है.
चंद्र ग्रहण क्या है?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. इस स्थिति में सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. यही घटना हमें चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई देती है.
कब लगता है चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है. कारण यह है कि पूर्णिमा पर चंद्रमा सूर्य के ठीक सामने (पृथ्वी के दूसरी ओर) होता है. लेकिन हर पूर्णिमा पर ग्रहण नहीं लगता. इसकी वजह यह है कि चंद्रमा की परिक्रमा कक्षा पृथ्वी की कक्षा (जिसे क्रांतिवृत्त कहते हैं) से लगभग 5 डिग्री झुकी हुई है. इसी कारण चंद्रमा अक्सर पृथ्वी की छाया से थोड़ा ऊपर या नीचे निकल जाता है.
ग्रहण तभी लगता है जब पूर्णिमा के समय सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा लगभग एक सीधी रेखा में आ जाएँ और चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करे.
चंद्र ग्रहण के प्रकार
1. पूर्ण चंद्र ग्रहण – जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की गहरी छाया (उम्ब्रा) में चला जाता है. इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए दिखता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है.
2. आंशिक चंद्र ग्रहण – जब चंद्रमा का केवल कुछ हिस्सा ही पृथ्वी की छाया में जाता है.
3. उपछाया चंद्र ग्रहण – जब चंद्रमा केवल पृथ्वी की हल्की छाया (पेनुम्ब्रा) से गुजरता है. इसमें चंद्रमा पर हल्का अंधकार सा दिखाई देता है.
क्यों दिखता है लाल चांद?
जब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है, तो चंद्रमा पूरी तरह काला नहीं दिखता. पृथ्वी का वातावरण सूर्य की किरणों को मोड़कर (अपवर्तन करके) चंद्रमा तक पहुंचा देता है. इस दौरान नीली रोशनी बिखर जाती है और लाल रंग की रोशनी ज्यादा निकलकर चंद्रमा तक पहुंचती है. इसीलिए चंद्रमा लालिमा लिए नजर आता है.
कहां से दिखता है चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण हमेशा रात के समय दिखाई देता है. जिस हिस्से में उस समय रात होती है, वहीं के लोग इसे देख पाते हैं. उदाहरण के लिए, अगर भारत में रात है और ग्रहण लग रहा है, तो यह भारत समेत एशिया के अन्य हिस्सों में दिखाई देगा.
क्या चंद्र ग्रहण से जीवन पर असर पड़ता है?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण का हमारे स्वास्थ्य या जीवन पर कोई प्रत्यक्ष नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. हां, यह जरूर है कि इसके दौरान चांद की चमक कम होने से पर्यावरण पर हल्का असर दिखता है. हालांकि धार्मिक मान्यताओं में लोग इसके समय उपवास, मंत्रजप और विशेष नियमों का पालन करते हैं.
चंद्र ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जो सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की विशेष स्थिति में ही होती है. यह हमें ब्रह्मांड की अद्भुत यांत्रिकी और प्राकृतिक संतुलन की झलक दिखाता है. अगली बार जब चंद्र ग्रहण लगे, तो इसे सिर्फ चमत्कार न समझकर विज्ञान की दृष्टि से भी जरूर देखें.