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दोनों किडनियां हुईं फेल तो नौजवान बेटे ने किडनी देकर बचाई पिता की जान, देखें

कंधे में एक डंडे के सहारे दो टोकरी लटकाईं, मां-बाप को उसमें बिठाया और तीर्थयात्रा पर निकल गए. श्रवण कुमार का नाम आते ही दृष्टिहीन माता-पिता और उनका आज्ञाकारी बेटा याद आता है. जिसने अपने मां-बाप की इच्छा पूरी करने के लिए पैसा न होने पर पैदल ही तीर्थयात्रा शुरू कर दी. आज जब हमारे समाज में बुजुर्गों के साथ हिंसा के मामले बहुत बढ़ रहे हैं तो लगता है कि हमने श्रवण कुमार को भुला दिया है. लेकिन ऐसा नहीं है आज भी हमारे बीचे ऐसे बेटे हैं जो अपने माता-पिता के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं. आज सोनू सूद देश की बात में ऐसे ही बेटों से रूबरू करा रहें हैं. देखें.

In today's world, we often see old parents being abandoned in old-age homes. Sometimes the question arises in mind that, have our generation forgotten the ancient story of Shravana Kumara? But there are still many who have devoted their lives to serve their parents. Watch this episode.