
B-Girl Simran Ranga
B-Girl Simran Ranga हम अक्सर टीवी या फिल्मों में लड़कों को ब्रेकिंग डांस करते हुए देखते हैं. हां वही डांस जिसमें सिर पर घूमते और हाथ से पूरी बॉडी को तोड़ा मरोड़ा जाता है. इस टफ डांस फॉर्म को करते हुए लड़कों को देखकर कोई नहीं कह सकता कि लड़कियां भी इस डांस में आगे आ सकती हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही चंद लड़कियों की इस डांस के वीडियोज इस बात के गवाह हैं कि ये डांस फॉर्म अब लड़कों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लड़कियां भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा ले रही हैं. और यही कारण है कि 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में ब्रेकिंग को एक स्पोर्ट इवेंट के तौर पर रखा गया है.
पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में 'ब्रेकिंग' के नाम से ब्रेक डांस का भी एक कॉम्पीटीशन होने वाला है. यानि यह सिर्फ एक डांस स्टाइल ही नहीं, बल्कि अब एक खेल भी बन चुका है. और राजस्थान की बी-गर्ल सिमरन रंगा (B-Girl Simran Ranga) के मुताबिक इसमें लड़के और लड़कियां दोनों हिस्सा लेने वाले हैं.
GNT डिजिटल ने बी-गर्ल के बारे में जानने के लिए ग्लीब के नाम से जानी जाने वाली सिमरन रंगा से बात की. ग्लीब (Glib) के नाम ब्रेकिंग की दुनिया में जानी जाने वाली सिमरन रंगा पिछले 6 साल से इस डांस को कर रही हैं. जब वे 13 साल की थीं तब उन्होंने ये सीखना शुरू कर दिया था. सिमरन बताती हैं, “जब कोई लड़का ब्रेकिंग करता है तो उसे बी-बॉय बोलते हैं और जब कोई लड़की ब्रेकिंग करती है तो उसे हम बी-गर्ल कहते हैं. इसके अलावा सबके स्टेज नेम होते हैं. जैसे मेरा नाम ग्लीब (B-Girl Glib) है. ये नाम हमारे मूव्स को दिखाता है.”
बचपन में जाना चाहती थीं डांस इंडिया डांस जैसे रियलिटी शोज में
सिमरन अपने सफर के बारे में बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही डांस करने के शौक था. वे कहती हैं, "मुझे बचपन से डांसिंग बहुत शौक था. मुझे था कि मुझे रियलिटी शोज में जाना है या डांस इंडिया डांस में जाना है. मैं हमेशा से डांस क्लास जॉइन करना चाहती थीं. मैंने बचपन से ही मां-पापा को बोलना शुरू कर दिया था कि मुझे डांस क्लास जॉइन करवा दीजिये. तो जब मेरी मम्मी मुझे पहली डांस क्लास में लेकर गई तो उस वक़्त मेरी जो डांस स्टाइल आई वो ब्रेकिंग आई. जो मेरी टीचर तब थे वो अभी भी वही हैं. वही मुझे आगे लेकर आये. 2016 में मैंने शुरू किया था तब ब्रेकिंग का इतना क्रेज नहीं थे न ही लोगों को इसके बारे में ज्यादा पता था. तो मैंने नॉर्मल हिप-हॉप क्लास जॉइन कर ली और मैं थोड़ा बहुत सीखकर घर पर आ जाती थी. ऐसा तकरीबन 7-8 महीने चला. तो एकदिन ऐसा हुआ कि मैं जल्दी क्लास आ गईं और मैंने मेरे टीचर को ब्रेकिंग करते देखा . मैंने जब जन्हें देखा कि वो सर पर घूम रहे हैं, हाथ पर घूम रहे हैं, ब्रेकिंग स्टंट्स कर रहे हैं मैं काफी अमेज़ हो गईं. मैंने उस वक़्त कुछ नहीं बोला और घर आ गयी. इसके बाद मैंने घर आकर पापा से कहा कि पापा मुझे स्टंट्स सीखने हैं. तो पापा ने मुझे उसमें एनरोल करवा दिया. ये सुनकर मेरे सर बहुत खुश हुए कि चलो कोई लड़की ब्रेकिंग करना चाहती है. तब से 2016 के मिड से मैंने ब्रेकिंग सीखना शुरू कर दिया.”
राजस्थान की पहली बी-गर्ल
सिमरन बताती हैं कि वे राजस्थान की पहली बी-गर्ल हैं. हालांकि, अब संख्या बढ़ रही है. वे अपनी पहली बैटल के बारे में बताती हैं, “मेरे ब्रेकिंग शुरू करने के 4-5 महीने बाद एक बैटल आई यानी एक कॉम्पीटिशन कह सकते हैं जो ब्रेकिंग का होता है. मेरे टीचर ने कहा कि तुझे कुछ नहीं करना है बस म्यूजिक बजेगा और तुझे परफॉर्म करना है बस. मेरी बारी आई तो कुछ टाइम के लिये मैं डरी और बैठी रही. लेकिन फिर मैं स्टेज पर गई और मैंने जाते ही पावर मूव मार दिया. उसे देखकर वहां जितने भी लोग थे सब बहुत शॉक्ड हो गए कि एक लड़की ऐसा कर रही है. उस बैटल में मुझे हारने के बावजूद अवार्ड दिया क्योंकि मैं राजस्थान की पहले बी-गर्ल थी. उस मोमेंट पर मुझे लगा कि हां मुझे ये करना चाहिए और इसमें फ्यूचर बनाया जा सकता है.”
सिमरन आगे कहती हैं कि मैं दंगल मूवी को अपने आप से बहुत रिलेट करती हूं. उसमे भी ऐसा ही था कि उनके पापा ने सोचा था दंगल लड़कियां नही करती तो नाम करेंगी आगे जाकर. इस दौरान मेरे मम्मी पापा बहुत सपोर्टिव रहके हैं. शुरुआत से ही वो कहते थे कि तुझे करना है तो कर. उसके बाद मैं दूसरे दूसरे शहरों में जाकर बैटल करने लगीं और बस अभी तक वो चल ही रहा है.
2019 में कुल 4 या 5 बी-गर्ल थीं अब हर राज्य में हैं
दरअसल, भारत के लिए बी गर्ल का कांसेप्ट बहुत नया है. आज भी कई ऐसे लोग हैं जो स्टेज पर लड़कों की तरह डांस करती हुई लड़कियों को देखकर अचंभा मान जाते हैं. लेकिन सिमरन के मुताबिक अब हालत बदल रहे हैं. वे कहती हैं, “मेरे घर में अब जाकर पता चला है कि मेरा नाम ग्लीब है. हमारे देश में बस रेड बुल (Red Bull) ब्रेकिंग को लेकर बैटल करवाता है. 2019 तक ये बैटल ओपन होती थीं कि जिसमें लड़के और लड़की दोनों पार्ट ले सकते हैं, इससे ये होता था कि लड़कियां फाइनल तक पहुंच ही नहीं पाती थीं. लेकिन 2019 में पहली बार रेड बुल ने B-Girl कैटेगरी लाई. तब से बी गर्ल में ये कॉन्फिडेंस आया कि हम भी आगे जा सकते हैं और हमारे लिए भी एक प्लेटफॉर्म दिया गया है. 2019 पहले देश में कुल 4 या 5 बी गर्ल ही थीं लेकिन अगर अब देखेंगे तो लगभग हर राज्य में आपको एक न एक बी गर्ल जरूर मिल जाएगी. लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत है कि अभी भी बस एक ही प्लेटफॉर्म है कॉम्पीटिशन के लिए तो हमने पूरे साल उस एक बैटल के लिए खुद को तैयार करना पड़ता है. मेरे हिसाब से अगर बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स मिलें तो बी गर्ल की ग्रोथ और अच्छी होगी. 2024 में पेरिस में जो ओलिंपिक होने हैं उसमें ब्रेकिंग को पहली बार रिप्रेजेंट किया जाएगा. तो उसके बाद हो सकता है कि हालात और सुधरें.”
समाज की तरफ से कोई परेशानी आती?
सिमरन आगे GNT डिजिटल को बताती हैं की वे हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं और वो एक ऐसा राज्य है जो डांस को ज्यादा सपोर्ट नहीं करता है. जब वे 5-6 साल की थीं तो पिता के राजस्थान पुलिस में होने के कारण ट्रांसफर जयपुर हो गया था जिसके बाद वे वहीं आकर बस गए. अब सिमरन बीए फर्स्ट ईयर में हैं. इस पूरे सफर के दौरान उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया. वे कहती हैं, “मेरे मम्मी पापा ने कभी मुझे किसी भी चीज़ के लिए नहीं रोका हालांकि आसपास के लोगों ने बहुत कोशिश की. जैसे एक उदाहरण के तौर पर कि यहां कोई बी गर्ल नहीं थी तो मैं बी बॉयज के साथ रहती थी. लेकिन मेरे घरवालों को पता था कि वो लोग कौन हैं. उन्हें मुझपर भरोसा रहा है शुरू से ही और मैंने भी इन सब चीज़ों का ध्यान रखा है. तो आसपास के लोग तो हमेशा कहते थे कि किन लोगों के साथ घूमती है और कैसा अजीब सा डांस करती है. लेकिन अब ऐसा है कि मुझे अब सोसाइटी से मतलब ही नहीं है, क्योंकि हमें पता है कि अगर आप आगे बढ़ रहे हैं तो सोसाइटी ही ऐसी है जो सबसे पहले टांग खींचती है. मम्मी पापा ने हमेशा कहा कि तुम आगे जाओ.”

टीचर ने हमेशा दी बी-बॉय समझकर ट्रेनिंग
सिमरन आज जहां हैं उसके लिए वे अपने टीचर का भी हाथ मानती हैं. वे कहती हैं कि उनके टीचर ने उन्हें हमेशा दूसरों की तरह ट्रेनिंग दी. बी-गर्ल कहती हैं, “मेरे टीचर ने मुझे कभी बी-गर्ल समझकर ट्रेनिंग नहीं दी. और मैं इसके लिए काफी खुशकिस्मत हूं उन्होंने हमेशा मुझे एक बी-बॉय जितनी टफ ट्रेनिंग दी. जैसे मान लीजिये हमारे सर ने हमें 100 पुशअप दिए. तो वो सभी को एक जैसे देते थे. इसमें बी-गर्ल और बी-बॉय दोनों शामिल हैं. क्योंकि सभी की अपनी अपनी कैपेसिटी है. कोई जरूरी नहीं है कि अगर कोई लड़की है तो वो कम पुशअप ही करें वो ज्यादा भी कर सकती है. लेकिन मेरे टीचर ने हमेशा मुझे बी-बॉय की तरह ट्रेनिंग दी. बी गर्ल एमी को देखकर मुझे लगा था कि मैं भी आगे जा सकती हूं.”

ओलंपिक में करना चाहती हूं देश को रिप्रजेंट
किसी भी दूसरी बी-गर्ल की तरह सिमरन भी चाहती हैं कि वे अपने देश को इंटरनेशनल स्टेज पर रिप्रेजेंट करें. वे कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि मैं इंटरनेशनल बी-गर्ल बनूं. अभी हम देश में ही खुद को रिप्रेजेंट करते हैं लेकिन मैं चाहती हूं कि बाहर के देशों में और उनके प्लेटफॉर्म पर जाकर भारत को रिप्रेजेंट करूं. अभी जैसे ओलंपिक आ रहा है तो अगर ये अच्छा जाता है तो मैं चाहती हूं की आगे चलकर मैं अपने देश को इसमें भी रिप्रेजेंट करूं. मुझे लगता है कि पैसा ही सबकुछ नहीं है आज मैं बहुत सारी बी-गर्ल को सिखाना चाहती थीं. जो आज मैं कर भी रही हूं. क्योंकि पैसा तो सभी लोग कमा लेते हैं लेकिन आपको अगर कोई प्रेरणा मानते हैं तो ये हमें आगे बढ़ने का हौसला देती हैं.”