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SpoGomi: दूसरी बार भारत ले रहा स्पोगोमी में भाग, एक बार फिर कलेक्ट करेगा कचरा.. जानें खेल का पूरा इतिहास

अक्टूबर 2025 में टोक्यो में होगा स्पोगोमी वर्ल्ड कप, जहां खिलाड़ी गेंद नहीं बल्कि कचरा उठाकर खेलेंगे. भारत दूसरी बार इसमें हिस्सा लेगा. जानें इस अनोखे खेल का इतिहास, भारत की टीम और इसका मकसद.

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जापान की राजधानी टोक्यो इस साल अक्टूबर 2025 में एक अनोखे विश्वकप की मेज़बानी करने जा रही है. इसका नाम है 'स्पोगोमी वर्ल्ड कप', जहां खिलाड़ी मैदान में गेंद नहीं बल्कि कचरा उठाते नज़र आएंगे. इस खेल की शुरुआत जापान में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य है स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना.

स्पोगोमी (SpoGomi) जापान से शुरू हुआ एक अनोखा खेल है. यह नाम दो शब्दों से बना है – "Sports" और "Gomi" (जापानी भाषा में कचरा को गॉमी कहा जाता है). यानी, यह ऐसा खेल है जिसमें लोग खेलते-खेलते कचरा उठाते हैं.

स्पोगोमी की शुरुआत और इतिहास
स्पोगोमी की शुरुआत 2008 में जापानी स्कूलों से हुई थी, ताकि बच्चों में स्वच्छता की आदत डाली जा सके. इसमें खिलाड़ी तय समय में कचरा इकट्ठा कर उसे अलग-अलग श्रेणियों में बांटते हैं. पहला स्पोगोमी वर्ल्ड कप 2023 में टोक्यो में हुआ था, जिसमें 21 देश शामिल हुए थे. उस बार ब्रिटेन विजेता बना था और भारत छठे स्थान पर रहा था.

स्पोगोमी कैसे खेला जाता है?
सबसे पहले इसमें टीम बनती है (आमतौर पर 3-5 लोगों की). जिसके बाद तय समय (जैसे 1 घंटे) में टीम को सड़क, पार्क या बीच पर पड़े कचरे को इकट्ठा करना होता है. जो टीम सबसे ज्यादा और सही तरीके से कचरा इकट्ठा करती है, वही जीतती है. कचरे को श्रेणियों में भी बांटा जाता है (प्लास्टिक, बोतलें, कैन, सिगरेट बट आदि). हर श्रेणी को अलग-अलग प्वॉइंट्स दिए जाते हैं. जैसे – प्लास्टिक बोतल ज्यादा प्वॉइंट्स ला सकती है क्योंकि यह पर्यावरण के लिए अधिक हानिकारक है.

भारत इस टूर्नामेंट में दूसरी बार लेगा हिस्सा
भारत के लिए इस टूर्नामेंट का क्वालिफायर मैच बेंगलुरु (अप्रैल) और चेन्नई (मई) में आयोजित हुए. बेंगलुरु में 20 टीमों में से 6 का चयन हुआ और उन्होंने चेन्नई में हुए फाइनल राउंड में भाग लिया. हर टीम में 3 सदस्य शामिल होते हैं. क्वालिफायर में भाग लेने के लिए कोई भी संस्था या टीम रजिस्ट्रेशन करा सकती थी.

भारत में क्वालिफायर का आयोजन फ्लोट फाउंडेशन और EFI ने किया
मुख्य आयोजक निखिल रविकुमार ने बताया कि इसमें हर उम्र के लोग हिस्सा ले सकते हैं. इस बार के क्वालिफायर में 6-7 साल के बच्चों से लेकर 75 वर्ष के बुजुर्ग भी शामिल हुए. इस साल फाइनल क्वालिफायर के दौरान 400 किलो कचरा इकट्ठा किया गया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 251 किलो था.

भारत की 2025 की टीम में शारुन ए. (चेन्नई), अभिषेक केवी (चेन्नई) और मणिवत्रन टी. (केरल) शामिल हैं. शारुन ए. पिछली बार भी टीम का हिस्सा थे और टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वे कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं के साथ काम कर रहे हैं.

दक्षिण भारत में बढ़ती लोकप्रियता
स्पोगोमी खेल दक्षिण भारत के शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, केरल और हैदराबाद में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. आयोजक अब उत्तर भारत की पर्यावरण संस्थाओं से भी संपर्क कर रहे हैं, ताकि 2027 तक इस खेल का विस्तार किया जा सके.