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Deepfake Law: AI आपके चेहरे का करेगा इस्तेमाल तो मिलेगा मुआवजा, ये देश एआई डीपफेक पर ला रहा ऐसा कानून, जानिए किन देशों में ये लॉ?

डेनमार्क आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के खिलाफ नया कानून ला रहा है. डेनमार्क के लोगों के पास अपनी बॉडी, फेस और वॉइस पर कॉपीराइट होगा. एआई बिना किसी परमिशन के किसी के चेहरे, आवाज और बॉडी का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. उपयोग करने पर इसे गैर-कानूनी माना जाएगा.

Denmark AI Law (Photo Credit: Getty) Denmark AI Law (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • एआई आपके चेहरे का नहीं कर पाएगा इस्तेमाल

  • इस देश में AI के खिलाफ नया कानून

  • बिना परमिशन शेयर करने पर देना होगा मुआवजा

डेनमार्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को काफी गंभीरता से लिया है. हाल ही में डेनमार्क ने एआई को लेकर कानून प्रस्तावित है. इससे कानून के तहत, एआई लोगों के चेहरे का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. इसके अलावा लोगों की आवाज को भी बिना परमिशन के इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. एआई अगर बिना परमिशन के किसी के चेहरे या वॉइस का इस्तेमाल करता है तो उसे मुआवजा मिलेगा.

क्या है AI के खिलाफ कानून?

  • डेनमार्क एआई को लेकर एक कानून लाने वाली है. इस देश में लोगों के पास अपने चेहरे और आवाज का कॉपीराइट होगा.
  • डेनमार्क सरकार ने इस कानून को प्रस्तावित किया है. एआई इस देश के लोगों के चेहरे, आवाज और बॉडी का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी.
  • AI को लोगों को आवाज, चेहरे और बॉडी का इस्तेमाल करने पहले उनकी परमिशन लेनी होगी. 
  • इस कानून बनने के बाद AI लोगों की फोटो और चेहरे को परमिशन के बिना ऑनलाइन पोस्ट नहीं कर पाएगा.
  • द् गार्डियन के मुताबिक, जैकब एंगेल-श्मिट ने इस बारे में कहा कि हर किसी का अपनी बॉडी, आवाज और चेहरे पर अपना अधिकार है. मौजूदा कानून जनरेटिव एआई लोगों की अच्छे से रक्षा नहीं कर रहा है.

क्या AI देगा मुआवजा?

  • द गार्जियन के अनुसार, यह कानून डेनमार्क के लोगों को अधिकार देगा कि वे प्लेटफ़ॉर्म से उनकी परमिशन के बिना बनाई या पोस्ट की गई किसी भी डीपफेक सामग्री को हटाने के लिए कह सकें. 
  • यह कानून आर्टिस्ट को बिना अनुमति के उनकी आर्ट की डिजिटल नकल किए जाने से भी बचाएगा. 
  • पैरोडी और स्टायर की परमिशन तो रहेगी लेकिन हार्मफुल चीजों को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. 
  • अगर कोई आपका चेहरा और आवाज से एआई वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है उसे हटाने के लिए कह सकता है.
  • इसके अलावा डेनमार्क में बिना परमिशन के चेहरा और आवाज का इस्तेमाल करने पर मुआवजा भी मांग सकते हैं.
  • एंगेल-श्मिट ने द गार्जियन को बताया कि इंसानों को डिजिटल कॉपी मशीन के ज़रिए चलाया जा सकता है. हर तरह के लिए उनका दुरुपयोग किया जा सकता है और मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती.

क्या मौत के बाद इस्तेमाल कर सकेगा AI?

  • डेनमार्क में जिंदा शख्स ही नहीं, मरने के बाद लोगों को कॉपीराइट मिलेगा.
  • डेनमार्क में मौत के बाद अगले 50 साल तक शख्स के चेहरे और आवाज को बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
  • अगर एआई ऐसा करता है तो उसे गैर-कानूनी माना जाएगा. मृतक के परिजन उसे हटाने या मुआवजे की मांग कर सकते हैं.

AI खिलाफ किन देशों में है कानून?

  • एआई के इस्तेमाल को लेकर कई देशों ने कानून बनाए हैं. चीन उन चुनिंदा देशों में शामिल है.
  • चीन में अगर बिना परमिशन के किसी का डीपफेक वीडियो या फोटा बनाया जाता हो तो उसे क्राइम माना जाता है.
  • अमेरिका के कुछ राज्यों में फर्जी पहचान को लेकर कानून है. हालांकि, ये कानून पूरे देश में लागू नहीं है.
  • इसके अलावा कई देश हैं जो एआई के खिलाफ कानून बनाने की योजना बना रहे हैं. इसमें ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड जैसे देश शामिल हैं.
  • ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया जैसे कुछ देश AI को लेकर कानून तैयार कर रहे हैं. हालांकि, इन देशों में अभी ऐसा कोई कानून लागू नहीं हुआ है.
What is AI

AI क्या है?

  • AI (Artificial Intelligence) एक खास तरह की तकनीक है. इसे आर्टिफिशियल तरीके से डेवलप किया गया है.
  • एआई कंप्यूटर, मशीन या सॉफ़्टवेयर को इंसानों की तरह सोचने, समझने, फैसले लेने और समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाती है. 
  • जैसे इंसान अपने दिमाग से सीखते हैं, सोचते हैं और निर्णय लेते हैं. वैसे ही AI तकनीक कंप्यूटर को डेटा के आधार पर सोचने और समझने की क्षमता देती है. 
  • AI की मदद से मशीनें भी सीख सकती हैं, पहचान सकती हैं, बातचीत कर सकती हैं, और काम कर सकती हैं.

क्या हैं एआई के फायदे-नुकसान?

  • एआई काम को आसान और तेज बनाता है. इसके अलावा निर्णय लेने में मदद करता है.
  • AI काम में समय और खर्च बचाता है. आज के समय में AI हेल्थ, एजुकेशन और बिजनेस में क्रांति ला रहे हैं.
  • एआई इंसानों की तुलना में कई गुना तेजी से काम कर सकता है और गलतियां बेहद कम होती हैं.
  • आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से बीमारी की जल्दी पहचान, इलाज का सुझाव और सर्जरी में मदद संभव हो पाई है.
  • AI के बढ़ते इस्तेमाल से कई जगहों पर इंसानों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. इससे लोगों को अपनी नौकरी खोने का डर सताता रहता है.
  • AI सिस्टम बनाना, चलाना और अपडेट करना महंगा होता है. ये हर किसी के लिए संभव नहीं है.
  • अगर AI गलत हाथों में पड़ जाए तो इसका दुरुपयोग जैसे डीपफेक और साइबर क्राइम बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.

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