Elon Musk
Elon Musk दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क इंसानी दिमागी में चिप लगाने वाले हैं. इसके लिए जल्द ही ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर इसकी टेस्टिंंग शुरू की जाएगी. इस प्रोग्राम का मकसद पैरालेसिस यानी लकवा के शिकार इंसानों के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल को आसान करना है.
बता दें कि इस चिप को पेजर नाम के बंदर और एक सूअर के अंदर पहले ही लगाया जा चुका है और यह काम भी कर रहा है. मस्क ने साल 2016 में एक स्टार्टअप की शुरूआत सैन फ्रांसिस्को बे एरिया में की थी. न्यूरालिंक के नाम से शुरू किए गए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस स्टार्टअप का मकसद अल्जाइमर, डिमेंशिया और रीढ़ की हड्डी की चोटों जैसे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज करना है. इस तकनीक के जरिए इंसानी दिमाग में एक कंप्यूटर इंटरफ़ेस को लगाया जाता है. इस तकनीक का इस्तेमाल इंसानों पर करने के लिए यह स्टार्टअप अब क्लिनिकल ट्रायल डायरेक्टर की भर्ती कर रहा है. सभी डायरेक्टर कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में काम करेंगे.
न्यूरो से जुड़ी दिक्कतों से छुटकारा मिलने का दावा
मस्क ने उम्मीद जताई थी कि इस तकनीक की मदद से पैरालेसिस का शिकार हुए लोगों की मदद हो पाएगी, ऐसे लोग दुबारा से चल पाएंगे. मस्क ने यह भी कहा है कि इस साल के आखिर तक इंसानी दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाने की योजना को शुरू कर दिया जाएगा. मस्क के मुताबिक अगर सबकुछ सही रहता है तो न्यूरालिंक के नाम से शुरू किए गए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस स्टार्टअप का इंसानी टेस्ट यानी ह्यूमन ट्रायल इस साल के आखिर तक शुरू हो जाएगा.
ह्यूमन ट्रायल शुरू करने की तैयारी
मस्क ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहता है तो हम इस साल के शुरू में ह्यूमन ट्रायल कर सकते हैं. मस्क ने निजी सोशल ऐप क्लबहाउस पर एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि न्यूरालिंक ने एक बंदर के दिमाग में एक वायरलेस इम्प्लांट करने के बाद उस बंदर ने दिमाग की मदद से वीडियोगेम को खेला. इससे पहले न्यूरालिंक सूअर के दिमाग में भी इन चिप्स को लगाकर ट्रायल कर चुकी है.