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ED और CBI का डर दिखाकर रिटायर्ड इंजीनियर से डेढ़ करोड़ की ठगी, 8 दिन तक रखा गया डिजिटल अरेस्ट

राजस्थान के हनुमानगढ़ से एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड XEN ओमप्रकाश से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की गई है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • कैसे बचें डिजिटल अरेस्ट स्कैम से?

  • 8 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रहे

साइबर ठगी अब सिर्फ छोटे फ्रॉड तक सीमित नहीं रही, बल्कि ठग अब खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर बड़े-बड़े अफसरों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. राजस्थान के हनुमानगढ़ से एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड XEN ओमप्रकाश से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की गई है. साइबर ठगों ने खुद को ईडी और सीबीआई अधिकारी बताकर रिटायर्ड XEN को आठ दिनों तक डिजिटली अरेस्ट किया और तीन किश्तों में 1 करोड़ 47 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.

डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 1 करोड़
पीड़ित ने बताया, उन्हें एक कॉल आया जिसमें कॉल करने वालों ने कहा कि मुंबई में दर्ज एक केस में उनका नाम आया है और फॉरेंसिक जांच चल रही है. अगर वह मामला सुलझाना चाहते हैं, तो उन्हें पैसे देने होंगे.

एफडी तोड़कर दिए पैसे
पाड़ित ने बताया, मुझे डराया गया कि अगर मैंने पैसे नहीं दिए तो गिरफ्तारी हो सकती है. मैंने एफडी तोड़कर पहले 40 लाख दिए, फिर वीडियो कॉल के जरिए और डराया गया और दो और किश्तों में पैसे लिए गए.

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दरअसल ठगों ने वीडियो कॉल पर खुद को ईडी ऑफिसर के कपड़े पहने हुए थे जिससे ओमप्रकाश और घबरा गए लेकिन जब ठगों की डिमांड बढ़ती गई, तब उन्हें शक हुआ और वे पुलिस अधीक्षक से मिले और ये पूरी कहानी बताई.

हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर ने बताया, पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और साइबर थाने को जांच सौंपी गई है. आरोपियों तक पहुंचने के लिए तकनीकी जांच की जा रही है. हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा.

क्या है डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट में ठग खुद को पुलिस, सीबीआई या ईडी का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और लाखों रुपये ऐंठ लेते हैं. कॉल करने वाला दावा करता है कि आपका नाम किसी गंभीर केस (जैसे ड्रग्स तस्करी, हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग या फर्जी पासपोर्ट जैसे अपराध) में आया है. पीड़ित को यह कहकर डराया जाता है कि जांच पूरी होने तक आपको कैमरे पर बने रहना होगा. इससे पीड़ित डर के मारे तुरंत पैसा ट्रांसफर कर देता है.

कैसे बचें डिजिटल अरेस्ट स्कैम से?

  • सबसे पहले ये समझें कि न ही पुलिस न ही कोई भी जांच एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी करती है. इसलिए सबसे बड़ा रेड फ्लैग तो यही है.

  • किसी भी अनजान कॉल पर घबराएं नहीं, तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें.

  • वीडियो कॉल पर पूछताछ या पैसे मांगने वालों से सावधान रहें. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें.

  • कभी भी अपने बैंक डिटेल्स, OTP या पहचान संबंधी दस्तावेज शेयर न करें.