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5G In India: भारत में जल्द होगी 5जी की एंट्री! स्पेक्ट्रम को सरकार की मंजूरी, जानें चंद सेकंड्स में फुल-लेंथ एचडी मूवी डाउनलोड समेत क्या होंगे फायदे 

5G Spectrum Auction: सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी है. 5जी भारत में अभी इस्तेमाल हो रही 4G सेवाओं की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक तेजी से चलेगा.  

5G 5G
हाइलाइट्स
  • 4G की तुलना में, 5G ज्यादा तेजी से चलता है

  • 5जी के लिए नहीं बनेंगे अलग से टावर 

भारत में लोगों को 4जी इंटरनेट से भी तेज चलने वाला नेटवर्क मिलने वाला है. इसके लिए बुधवार को  5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी मिल गई है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी है. जुलाई महीने में 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगने वाली है. हालांकि, सरकार ने ये भी कहा है कि इस स्पेक्ट्रम की वैधता 20 साल होगी लेकिन अगर कोई टेलीकॉम कंपनी इसे 10 साल में वापिस करना चाहे तो कर सकती है. 

क्या है 5जी?

आसान शब्दों में समझें तो 5G, सबसे एडवांस नेटवर्क है जो आपको 4जी या उससे पहले आए सभी नेटवर्क से तेज  इंटरनेट स्पीड (मल्टी-जीबीपीएस पीक स्पीड), अल्ट्रा लो-लेटेंसी, अधिक विश्वसनीयता, एक बड़ी नेटवर्क क्षमता, बढ़ी हुई उपलब्धता और ज्यादा सुविधाएं देगा. 

5G को लो-बैंड, मिड-बैंड या हाई-बैंड मिलीमीटर-वेव 24 GHz में 54 GHz तक लागू किया जा सकता है. मौजूदा समय की बात करें तो, लो-बैंड 5G 600Mhz से 900Mhz के बीच 4G के समान फ़्रीक्वेंसी रेंज का इस्तेमाल करता है. वहीं मिड-बैंड 5G 1.7GHz से 4.7 GHz के बीच mmWaves का उपयोग करता है, और हाई-बैंड 5G 24-47 GHz की फ़्रीक्वेंसी का उपयोग करता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उम्मीद की जा रही है कि भारत में मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग किया जाएगा. ये भारत में अभी इस्तेमाल हो रही 4G सेवाओं की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक होगा. 

4G और 5G में क्या फर्क है?

4G की तुलना में, 5G ज्यादा तेजी से चलता है. जहां 4G 150mbps तक की स्पीड दे सकता है. वहीं 5G 10Gbps तक की डाउनलोड स्पीड देने में सक्षम है, जो कि 4G की तुलना में कई गुना अधिक है. आप 5G के साथ सेकंड के भीतर फुल-लेंथ एचडी मूवी डाउनलोड कर पाएंगे. अपलोड स्पीड के मामले में, 5G नेटवर्क 4G नेटवर्क पर 50Mbps अपलोड स्पीड की तुलना में 1Gbps तक अपलोड स्पीड देता है.

इसके अलावा, 5G 4G की तुलना में कई और डिवाइस से जुड़ सकता है. जहां 4G की मदद से लोग चलते-फिरते म्यूजिक और वीडियो स्ट्रीम कर सकते हैं, वहीं 5G की मदद से स्मार्टफ़ोन से कई सारे डिवाइस एक साथ जोड़ सकते हैं. 

5जी के लिए क्या बनेंगे अलग से टावर 

बताते चलें कि 5G उन्हीं रेडियो फ्रीक्वेंसी पर चलेगा जो वर्तमान में आपके मोबाइल डेटा, वाई-फाई और सैटेलाइट कम्युनिकेशन में उपयोग किए जा रहे हैं. टेलीकॉम प्रोवाइडर्स अपने टावरों को बदलने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह 4जी की जैसी ही फ्रीक्वेंसी पर चलेगा.