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Guidelines for Social Media Influencers: इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी रहें सावधान! सरकार ने जारी की गाइडलाइन, ना मानने पर देना होगा 50 लाख का जुर्माना

सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन में सबसे अहम निर्देश है कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और सिलेब्रिटीज उन्हीं प्रोडक्ट्स यानी उत्पादों को एंडोर्स कर सकेंगे, जिनका उन्होंने खुद इस्तेमाल किया हो या कर रहे हों. इसके अलावा सरकार की गाइडलाइन में और भी कई बातें कहीं गई हैं.

इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी रहें सावधान! इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी रहें सावधान!
हाइलाइट्स
  • बिना सोच-समझे एंडोर्समेंट नहीं कर सकेंगे सेलेब्स

  • तेजी से बढ़ रही है सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मार्केट

सूचना क्रांति के इस आधुनिक दौर में सोशल मीडिया की भूमिका किसी से छिपी नहीं है. कंप्यूटर या मोबाइल के जरिए सोशल मीडिया साइट्स या ऐप पर किसी तरह की जानकारी साझा करना बेहद आसान हो चुका है. यही वजह है कि मौजूदा समय में संचार और संवाद के सबसे बड़े साधन के तौर पर सोशल मीडिया उभर कर सामने आया है. इसकी लोकप्रियता में दिनों दिन इजाफा होता जा रहा है. सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज के पीछे इन्फ्लुएंसर्स और सेलेब्रिटीज के योगदान से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. हजारों-लाखों की संख्या में सोशल मीडिया यूजर्स इनको फॉलो करते हैं और उनसे प्रभावित भी होते हैं. यही वजह है कि कई कंपनियां या ब्रांड उनकी इमेज या बेशुमार फैन फॉलोइंग का इस्तेमाल कर अपने उत्पादों को बाजार में स्थापित करने और उसकी डिमांड बढ़ाती हैं. 

बिना सोच-समझे एंडोर्समेंट नहीं कर सकेंगे सेलेब्स
सिलेब्रिटीज और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स आए दिन विज्ञापनों और अलग-अलग प्रॉडक्ट्स को एंडोर्स करते दिखते हैं. इस दौरान जाने-अनजाने कई बार उनकी तरफ से भ्रामक यानी बहकाने वाले विज्ञापनों को बढ़ावा दे दिया जाता है. जिस पर उनके फॉलोअर्स आंख मूंदकर भरोसा भी कर लेते हैं. जिससे उनका आर्थिक नुकसान भी होता है. हाल के दिनों में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और सिलेब्रिटीज को किसी भी नकली प्रोडक्ट को सपोर्ट करने, गलत जानकारी देने या फिर बिना जांचे-परखे किसी भी ब्रांड को बढ़ावा देने के मामले तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में सरकार के लिए जरूरी हो गया है कि वो इस ट्रेंड को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी करें. इसी वजह से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत सोशल मीडिया पर मौजूद इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं. 

सरकार ने जारी की गाइडलाइन
सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन में सबसे अहम निर्देश है कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और सिलेब्रिटीज उन्हीं प्रोडक्ट्स यानी उत्पादों को एंडोर्स कर सकेंगे, जिनका उन्होंने खुद इस्तेमाल किया हो या कर रहे हों. अब सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और सिलेब्रिटीज, किसी भी प्रोडक्ट्स को बढ़ा-चढ़ाकर उपभोक्ताओं को गुमराह नहीं कर सकते. इसके अलावा विज्ञापनों के जरिए किसी भी उत्पाद के बारे में गलत जानकारी देना या जानबूझकर कोई जानकारी छिपाई भी नहीं जा सकती है.

यही नहीं बल्कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर या सेलिब्रिटी कंज्यूमर पर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने को लेकर किसी तरह का दबाव भी नहीं बना सकते हैं. इसके अलावा इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी...को किसी भी उत्पाद का विज्ञापन करते हुए प्रमुख रूप डिस्क्लेमर देना भी होगा. डिस्क्लेमर वीडियो और ऑडियो दोनों फॉर्म में होना चाहिए. लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान डिस्क्लेमर लगातार चलना जरूरी होगा. डिस्क्लेमर उसी भाषा में होगा, जिस भाषा में विज्ञापन होगा. इसके अलावा इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी को डिस्क्लेमर की भाषा...बिल्कुल आसान और स्पष्ट रखनी होगी.

तेजी से बढ़ रही है सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मार्केट
आज हिंदुस्तान के करीब 100 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन है. 71 करोड़ से ज्यादा लोग सोशल मीडिया यूजर्स हैं. ऐसे में सोशल मीडिया की बेहिसाब ताकत से इनकार नहीं किया जा सकता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से इस तरह की गाइडलाइन की वजह भारत में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मार्केट है, जो 2022 तक करीब 1275 करोड़ की हो चुकी है और 2025 यानी दो साल के अंदर, जिसके 2,800 करोड़ रुपये होने की संभावना है. ऐसे में नई गाइडलाइंस आने के बाद ये उम्मीद की जा सकती है कि अंधाधुंध कमाई के चक्कर में कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और सेलिब्रिटी नैतिकता को ताक पर नहीं रखेंगे.