Fake Website (Representative Image)
Fake Website (Representative Image) आज का दौर एक तरह से डिजिटल युग कहलाता है. आज हर आम इंसान छोटा से लेकर बड़े काम के लिए मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल करता है. इसमें बैंकिंग, शॉपिंग, बिल पेमेंट से लेकर एंटरटेनमेंट तक जैसे कई काम शामिल होते हैं. यही वजह है कि दुनिया भर रोज लाखों की संख्या में ऐप्स को डाउनलोड किया जाता है. लेकिन एक सच यह भी है कि हर ऐप असली हो यह पक्का नहीं. कई ऐप पूरी तरह से फेक भी होते हैं. ऐसा ही वेबसाइट के मामलों में भी होता है. अब ऐसे में अगर किसी फेक ऐप या वेबसाइट के जरिए ट्रांजैक्शन किया जाए तो बैंक खाता हैक होने का खतरा बना रहता है.
दिक्कत यहां है कि इन ऐप और वेबसाइट को डिज़ाइन इस तरीके से किया जाता है, कि एक आम इंसान के लिए असली और नकली में फर्क करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से लोग इन नकली वेबसाइट और ऐप के झांसे में आ जाते हैं. लोग जानकारी की कमी के कारण ऐसे ऐप्स या वेबसाइट्स पर भरोसा कर लेते हैं. इन फेक ऐप और वेबसाइट का मकसद सिर्फ फ्रॉड, डेटा चोरी या मोबाइल हैक करना होता है. कई मामलों में तो बैंक खाते से पैसे तक गायब हो जाते हैं. ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि कौनसी वेबसाइट या ऐप असली है और कौनसी फेक.
कैसे करें असल और नकल की पहचान?
आज डेटा की कीमत पैसे से ज्यादा है. अगर आपका निजी डेटा गलत हाथों में चला जाए, तो उसका इस्तेमाल ठगी, ब्लैकमेल या अन्य साइबर अपराधों में किया जा सकता है. अच्छी बात यह है कि कुछ आसान स्टेप्स अपनाकर आप खुद ही किसी वेबसाइट या ऐप की जांच कर सकते हैं.
भारत सरकार ने इसके लिए National Cyber Crime Reporting Portal (NCCRP) पर एक खास सुविधा उपलब्ध कराई है, जहां आप मिनटों में पता लगा सकते हैं कि कोई ऐप या वेबसाइट सही है या फर्जी.
फेक वेबसाइट/ऐप की जांच का सरकारी तरीका?