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इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत, ये कंपनी लगा रही है सबसे बड़ा प्लांट

टोयोटा कंपनी भारत में जल्द ही इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉम्पोनेंट्स के निर्माण के लिए नया प्लांट शुरू करने जा रही है. इस प्लांट की मदद से भारत ही नहीं विदेशों बाजारों की डिमांड को भी पूरा किया जा सकेगा.

ई-व्हीकल ई-व्हीकल
हाइलाइट्स
  • हाइब्रिड मॉडलों पर है कंपनी का फोकस

  • सरकार दे रही है ई-व्हीकलों को बढ़ावा

इलेक्ट्रिक व्हीकल गाड़ियों का भविष्य है. इससे पर्यावरण की रक्षा तो होती ही है साथ-साथ ही ये लोगों को पेट्रोल के लगातार बढ़ते दामों से भी निजात दिलाएगा. टोयोटा कंपनी भारत में जल्द ही इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉम्पोनेंट्स के निर्माण के लिए नया प्लांट शुरू करने जा रही है. इस प्लांट की मदद से भारत ही नहीं विदेशों बाजारों की डिमांड को भी पूरा किया जा सकेगा. टोयोटा भारत से जापान और कुछ एशियाई देशों में ईवी के पुर्जे भेजने पर विचार कर रही है.

दरअसल टोयोटा भारत में कई इलेक्ट्रिक व्हीकलों में इस्तेमाल होने वाले पार्टस जैसे बैटरी ईवी, प्लग-इन हाइब्रिड और अन्य हाइब्रिड मॉडलों में उपयोग किए जाने वाले ई-ड्राइव या इलेक्ट्रिक पावरट्रेन भागों का उत्पादन शुरू करने पर भी विचार कर रही है. 

हाइब्रिड मॉडलों पर है कंपनी का फोकस
भारत में टोयोटा पहले अपने हाइब्रिड मॉडल लॉन्च करने पर फोकस कर रही है. दरअसल कंपनी का मानना है कि जीवाश्म ईंधन और कार्बन उत्सर्जन पर निर्भरता को कम करने के देश के उद्देश्य के लिए बेहतर अनुकूल हैं. इतना ही नहीं ये लोगों को ईवी को अपनाने के लिए बिना रेंज की चिंता से निपटने का एक बेहतर तरीका है. 

सरकार दे रही है ई-व्हीकलों को बढ़ावा
टोयोटा ये महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठा रही है, जब भारत सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को काफी बढ़ावा दे रही है. टोयोटा के लिए भारत में निवेश का बड़ा हिस्सा टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स (TKP) करेगी, जो टोयोटा मोटर कॉर्प, ऐसिन सेकी कंपनी और किर्लोस्कर सिस्टम्स का ज्वॉइंट वेंचर है.

4800 करोड़ निवेश करेगी कंपनी
इस हफ्ते की शुरुआत में कंपनी ने घोषणा की कि वह इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए भारत में 4800 करोड़ रुपये (621 मिलियन डॉलर) का निवेश करेगी. दरअसल ये कंपनी के व्यापक 050 कार्बन-न्यूट्रैलिटी गोल्स का एक हिस्सा है. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कार्यकारी उपाध्यक्ष विक्रम गुलाटी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि, "भारत को क्लीनर टेक्नोलॉजी के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की आकांक्षा है. यह बिल्डिंग ब्लॉक बनाने के बारे में है."