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ASTR AI Solution: क्या है एएसटीआर और कैसे करता है काम, इसकी मदद से 36 लाख फेक मोबाइल कनेक्शन किए गए ब्लॉक

डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने 36 लाख सिम कार्ड बंद किए हैं. नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सभी सिम कार्ड प्राप्त किए गए थे. इन मोबाइल कनेक्शनों को ब्लॉक करने के लिए ASTR टूल का इस्तेमाल किया गया है. इसकी मदद से सभी सिम कार्ड के बारे में जानकारी हासिल की गई और उसके बाद इनको ब्लॉक किया गया है.

ASTR टूल की मदद से 36 लाख जाली सिम कार्ड ब्लॉक किए गए ASTR टूल की मदद से 36 लाख जाली सिम कार्ड ब्लॉक किए गए

नकली दस्तावेजों की मदद से प्राप्त किए गए 36 लाख मोबाइल कनेक्शन को टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने ब्लॉक कर दिया है. इन मोबाइल कनेक्शंस के बारे में ASTR की मदद से जानकारी हासिल की गई है. आपको बता दें कि एएसटीआर की मदद से विभाग ने 40.87 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों के बारे में पता लगाया था. जिसमें से 36.61 लाख को ब्लॉक किया गया है.

सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में बंद किए गए सिम-
संचार विभाग ने सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में सिम ब्लॉक किए हैं. इस सूबे में 12,34,111 सिम बंद किए गए हैं. जबकि दूसरे नंबर पर हरियाणा है, जहां 5 लाख 24 हजार 287 सिम बंद किए गए हैं. बिहार और झारखंड में 3 लाख 27 हजार 246 और मध्य प्रदेश में 2 लाख 28 हजार 72 सिम ब्लॉक किए गए हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है. यूपी में दो लाख 4 हजार 658 सिम बंद किए गए हैं.
गुजरात, पंजाब, उत्तराखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, असम और आंधप्रदेश में भी कार्रवाई की गई है. हिमाचल प्रदेश में सबसे कम 3 हजार 491 सिम बंद किए गए हैं.

परम-सिद्धि सुपर कंप्यूटर ने किया डेटा प्रोसेस-
पहले चरण में विभाग ने 87 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शनों की जांच की. इतने बड़ी डेटा प्रोसेसिंग के लिए परम-सिद्धि सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया. जांच में पाया गया कि सैकड़ों ऐसे कनेक्शन सामने आए, जिसमें एक ही तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. मोबाइल कनेक्शनों के अलावा 40 हजार 123 पॉइंट ऑफ सेल को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है. ये सभी मोबाइल कनेक्शन बेचने में शामिल थे. काली सूची में डाले गए सबसे ज्यादा पीओएस यूपी से है. उसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है.

क्या है ASTR-
एएसटीआर एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड टूल है. जिसकी मदद से सिम के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों का एनालिसिस किया जाता है और ये पता लगाया जाता है कि सिम कार्ड लेने वाला शख्स असली है या नहीं है. ASTR को डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने विकसित किया है. दरअसल जालसाज साइबर अपराध करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सिम ले लेते है और उससे फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने एएसटीआर टूल को विकसित किया है.

कैसे काम करता है ASTR-
एएसटीआर टूल से मोबाइल यूजर्स के सिम कार्ड की फोटो, फार्म, दस्तावेज को स्कैन किया जाता है. स्कैनिंग के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सीम डिटेल और सरकारी पहचान पत्रों की डिटेल का मिलान कराया जाता है. इसमें फोटो, जन्मतिथि, पिता का नाम, पता और सिग्नेचर का मिलान किया जाता है. इस पूरे प्रोसेस में बहुत ही कम समय लगता है.
अगर किसी सिम में दस्तावेजों को लेकर कोई संदेह होता है या कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो इसकी डिजिटल डिटेल एजेंसियों के पास चली जाती है. एजेंसियां संबंधित सूबे की पुलिस से इसकी जानकारी हासिल करती हैं और जांच पूरी होने के बाद सिम को डिएक्टिव कर दिया जाता है. इसके साथ ही इस तकनीक से ये भी पता लगाया जाता है कि इस सिम को कितने फोन में इस्तेमाल किया गया है.

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