
क्या आप जानते हैं कि आपकी निजी जिंदगी की सारी गोपनीय जानकारी आपके चैट, फोटो, लोकेशन और खर्चों का हिसाब बिना आपकी मर्जी के सोशल मीडिया और इंटरनेट दिग्गजों के हाथों में जा रही है? लेकिन अब ये रुकने वाला है. केंद्र सरकार ने एक ऐसा धमाकेदार नियम पेश किया है, जो इन कंपनियों की नींद उड़ा सकता है. जी हां, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के तहत लाए गए नए नियमों से अब आपकी निजी जानकारी पर आपका पूरा कंट्रोल होगा.
निजी डेटा पर आपका हक, अब कोई नहीं कर सकेगा धोखा!
अब तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन सर्विसेज बिना बताए आपका डेटा इकट्ठा करती थीं. लेकिन अब सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है. सरकार डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के तहत कई सारे नियम लाने की तैयारी में है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन नियमों को लेकर कहा है कि जब कोई कंपनी आपका डेटा लेगी, उसे आपको पहले साफ-साफ बताना होगा कि उसकी जरूरत क्या है.
और यही नहीं, इसके लिए आपकी साफ मंजूरी लेना अनिवार्य होगा. अगर आपने मना कर दिया, तो कंपनियों को अपनी पुरानी डेटा जुटाने की प्रणाली को पूरी तरह बदलना पड़ेगा. ये सुनकर आपके होश उड़ गए न? लेकिन ये तो बस शुरुआत है!
कंपनियों पर सख्त नजर, हर कदम पर रखा जाएगा हिसाब!
अब सोचिए, जब आप कोई ऐप डाउनलोड करते हैं या सोशल मीडिया पर लॉगिन करते हैं, तो वो बिना बताए आपकी निजी बातें रिकॉर्ड कर लेता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सरकार का नया नियम कहता है कि कंपनियों को यूजर्स की सहमति से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को सुरक्षित रखना होगा.
इसमें आपकी पहचान, सहमति देने या बदलने का समय, डेटा इस्तेमाल का मकसद और आपकी ओर से दी गई कोई भी खास जानकारी शामिल होगी. अगर आपने अपनी सहमति वापस ले ली या इसमें बदलाव किया, तो कंपनी को तुरंत आपको इसकी जानकारी देनी होगी और डेटा प्रोसेसिंग में आए बदलावों का ब्योरा भी देना होगा. ये नियम वाकई कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बनने वाला है!
क्या होगा अगर कंपनियां नियम तोड़ेंगी?
अगर कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. सरकार का मकसद साफ है- आपका डेटा आपकी मर्जी से ही इस्तेमाल होगा. ये कदम डिजिटल दुनिया में यूजर्स को सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये नियम न सिर्फ आपकी निजी जिंदगी की सुरक्षा बढ़ाएंगे, बल्कि ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी जैसे मामलों पर भी लगाम लगाएंगे.
सोशल मीडिया कंपनियों की बढ़ी टेंशन!
फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए ये नियम सिरदर्द बनने वाले हैं. इन्हें अब हर यूजर के साथ पारदर्शिता बरतनी होगी. अगर कोई कंपनी यूजर्स की मर्जी के खिलाफ डेटा का इस्तेमाल करती पाई गई, तो उसे न सिर्फ जुर्माना भरना पड़ेगा, बल्कि उसकी सेवाओं पर भी पाबंदी लग सकती है. ये बदलाव भारत को डिजिटल दुनिया में एक मिसाल कायम करने की दिशा में ले जा रहा है.