
रेलवे बोर्ड (Railway Board) के निर्देश पर पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway zone) ने एक नई पहल की है. अब TTE और TC की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से ली जाएगी. सबसे पहले डिजिटल टीटीई लॉबी की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन पर की गई है. यह भारतीय रेल का पहला स्टेशन बन गया है जहां यह हाईटेक व्यवस्था लागू हुई है.
इन जोन में भी लागू हुई है नई प्रणाली
पूर्व मध्य रेल के साथ-साथ, उत्तर रेलवे (बनारस मंडल), पश्चिम रेलवे (रतलाम मंडल), मध्य रेलवे (सीएसएमटी, पुणे, सोलापुर), पूर्व रेलवे (मालदा), दक्षिण पश्चिम रेलवे (मैसूर), पश्चिम मध्य रेलवे (भोपाल, कोटा), दक्षिण रेलवे (मदुरै, पालघाट, त्रिची) जैसे ज़ोन में भी यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू कर दी गई है. उत्तर रेलवे का जम्मू मंडल भी जल्द ही इसे अपनाने वाला है.
कैसे काम करेगा बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम?
यह आधार आधारित बायोमेट्रिक साइन-ऑन और साइन-ऑफ प्रणाली लॉबी में मौजूद टीटीई/टीसी को उनके ड्यूटी शुरू और खत्म करने का समय रियल टाइम में रिकॉर्ड करेगी.
इसके तहत कर्मचारी फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
यह पूरी प्रक्रिया छेड़छाड़-रहित, पारदर्शी और गोपनीयता-अनुकूल होगी.
यात्रियों को क्या होंगे फायदे?
फर्जी हाजिरी पर रोक लगेगी.
कब कौन ड्यूटी पर है, अब मिलेगा लाइव डेटा.
ड्यूटी रोस्टर और हैंड हेल्ड टर्मिनल (HHT) से इंटीग्रेशन होगा.
जवाबदेही बढ़ेगी तो सेवाओं की गुणवत्ता भी सुधरेगी और यात्रियों को फायदा होगा.
डीडीयू मंडल बना रोल मॉडल
पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू मंडल के डीआरएम उदय सिंह मीणा के निर्देश पर यह सिस्टम सबसे पहले यहीं लागू किया गया. अब यह प्रणाली बाकी जोन में भी चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है. भारतीय रेलवे की यह पहल डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है. बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से न केवल टीटीई की जवाबदेही तय होगी, बल्कि यात्रियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी और मजबूत होगी.
----------समाप्त--------