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Green Cess in Uttarakhand: उत्तराखंड में एंट्री के लिए अब देना होगा ग्रीन टैक्स, जानें क्या है ये और किसको होगी इससे छूट?

Green Tax: उत्तराखंड में एंट्री के लिए अब ग्रीन टैक्स देना होगा. उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लागू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश की ही तरह अब उत्तराखंड में ये टैक्स लिया जाएगा.

Green Tax Green Tax
हाइलाइट्स
  • ग्रीन टैक्स है जरूरी 

  • फास्टैग से हुई हैं चीजें आसान 

देशभर में प्रदूषण को कम करने के लिए अलग-अलग पहल चल रही है. अब इसी कड़ी में उत्तराखंड (Uttarakhand) में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रीन टैक्स (Green Tax) शुरू किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस (green cess) लागू करने की घोषणा की है. पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की ही तरह अब देवभूमि में भी लोगों को ग्रीन टैक्स देना होगा. 

20 से 80 रुपये होगा चार्ज  

बता दें, FASTag तकनीक का उपयोग करके टोल प्लाजा पर इस ग्रीन सेस को लिया जाएगा. इसकी फीस 20 रुपये से 80 रुपये तक होने वाली है. हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों और CNG से चलने वाली कारों को इस टैक्स से छूट दी जाएगी. इसका मकसद पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्पों को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है.

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ग्रीन टैक्स है जरूरी 

दरअसल, वाहनों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा रहा है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस ग्रीन सेस को शुरू करने की घोषणा की है. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर इस वित्तीय प्रतिबंध को लगाकर, राज्य का लक्ष्य लोगों के अंदर जागरूकता फैलाना और कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है. 

क्या है ये ग्रीन टैक्स?

ग्रीन टैक्स, जिसे पर्यावरण कर या इको-टैक्स के रूप में भी जाना जाता है, उन गतिविधियों या वस्तुओं पर लगाया जाने वाला लेवी है जिन्हें पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है. भारत में, ग्रीन पहल का उद्देश्य उन गतिविधियों को कम करना है जो प्रदूषण फैलाती हैं. यह टैक्स अक्सर वाहनों पर फ्यूल के प्रकार, एमिशन और वाहन कितना पुराना है जैसे कारकों के आधार पर लगाया जाता है. 

फास्टैग से हुई हैं चीजें आसान 

हालांकि, FASTag तकनीक के आ जाने से कई चीजें आसान हुई हैं. परिवहन सचिव, अरविंद सिंह ने एंट्री पॉइंट पर मैन्युअल चौकियों को बंद करने की बात कही. उन्होंने कहा कि टैक्स के लिए FASTag तकनीक का उपयोग न केवल इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, बल्कि मैन्युअल चेकपॉइंट्स पर लंबी कतारों को खत्म करके उत्तराखंड के पर्यटकों और आगंतुकों के लिए असुविधा को भी कम करता है.

किन वाहनों को होगी छूट?

वाहन के प्रकार और आकार के आधार पर ग्रीन टैक्स लिया जाएगा. तिपहिया और चार पहिया वाहन अलग-अलग टैक्स रेट के अधीन होंगे. जबकि सरकारी वाहनों, इमरजेंसी सर्विसेज और कृषि वाहनों सहित विशिष्ट श्रेणियों के लिए छूट दी गई है.