भारत का शांत, सुंदर और हर किसी के लिए आसान तटीय शहर, कोच्चि, इस साल वैश्विक मंच पर खास जगह बना रहा है. बुकिंग.कॉम की वार्षिक ट्रैवल प्रिडिक्शन रिपोर्ट के अनुसार, कोच्चि दुनिया के टॉप 10 तेजी से लोकप्रिय होते स्थानों में शामिल हो चुका है. इस सूची में वियतनाम का मुई ने और स्पेन का बिलबाओ भी मौजूद हैं.
33 देशों के लगभग 30 हजार यात्रियों पर आधारित इस सर्वे ने एक नया रुझान दिखाया. लोग अब ऐसी यात्राएं खोज रहे हैं जिनसे भावनात्मक जुड़ाव हो, जो यादों, मायने और कभी-कभी ज्योतिष जैसे अनुभवों से भी मेल खाती हों. संस्कृति, समुद्र और इतिहास का अनूठा संगम कोच्चि को इस रुझान में पूरी तरह फिट बैठाता है.
दिसंबर में कोच्चि घूमने का सबसे बेहतरीन समय क्यों?
सर्दियों की हल्की धूप, समंदर की ठंडी हवा, खुले आसमान और शहर के ऐतिहासिक रंग. दिसंबर में कोच्चि अपने सबसे खूबसूरत रूप में होता है. ऐसे में आप अपना न्यू ईयर विकेशन यहां प्लान कर सकते हैं. साथ ही यहां की भव्यता को देख आपका मन गदगद तो होगा ही इसके अलावा कोच्चि घूमने के हिसाब से भी एक शानदार जगह है.
क्या है टॉप 5 हॉट स्पॉट?
1. फोर्ट कोच्चि: दिसंबर फोर्ट कोच्चि का मौसम ही नहीं, पूरा माहौल बदल देता है. यहां की यूरोपीय शैली की इमारतें, पुराने कैफे, आर्ट कॉर्नर और हवा से भरी गलियां सुकून का एहसास कराती हैं. सूर्यास्त के वक्त चमकते हुए चीनी मछली पकड़ने वाले जाल इस जगह को और भी खास बना देते हैं.
2. मट्टनचेरी और ज्यू टाउन: इतिहास, संस्कृति और मसालों की ख़ुशबू से भरा यह इलाका दिसंबर में बेहद आनंद देता है. पतली गलियों में टहलते हुए आप मसाला बाजार, प्राचीन वस्तुओं की दुकानों और खूबसूरत परदेशी यहूदी मंदिर तक पहुंचते हैं. यहां स्थित मट्टनचेरी महल की भित्ति चित्रकला सर्दियों की रोशनी में और भी चमकती है.
3. मरीन ड्राइव: ठंडी हवा से भरी दिसंबर की शामें मरीन ड्राइव पर टहलने के लिए बिल्कुल परफेक्ट हैं. बैकवाटर पर चलती नावें, मिठाई की खुशबू और रात को चमकती शहर की स्काईलाइन. सब कुछ मन को सुकून से भर देता है.
4. चेरई समुद्र तट: शहर से थोड़ा दूर, लेकिन खूबसूरती में बहुत आगे, चेरई बीच दिसंबर में अपने सुनहरे रंग में दिखाई देता है. हल्की धूप, शांत लहरें और कभी-कभी दिख जाने वाली डॉल्फ़िन इसे परिवार और कपल्स दोनों के लिए परफेक्ट स्पॉट बनाती हैं.
5. कोच्चि-मूज़िरिस बिएनाले स्थल: अगर आपका सफर बिएनाले की तारीखों से मेल खाए तो मज़ा दोगुना हो जाता है. पुराने गोदामों से लेकर आधुनिक दीर्घाओं तक, पूरा शहर कला की ऊर्जा से भर जाता है. दिसंबर में भी कई जगहों पर छोटी प्रदर्शनियां और कलाकारों की गतिविधियां चलती रहती हैं.