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अब और महंगा होगा अमेरिका जाना! वीजा लगवाने के लिए यात्रियों को भरना पड़ेगा बॉन्ड, किन देशों पर होगा लागू?

अमेरिकी सरकार ने एक नई वीजा नीति लागू की है. इस नीति का नाम "वीज़ा बांड पायलट प्रोग्राम" है. यह नियम कुछ चुनिंदा देशों के यात्रियों पर लागू होगा. इस प्रोग्राम के तहत जो भी नागरिक B-1 (बिजनेस) और B-2 (टूरिज्म) वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं उन्हें आवेदन करते समय बांड जमा करना होगा.

Visa Bond Visa Bond
हाइलाइट्स
  • वीजा के लिए 15,000 डॉलर तक का बॉन्ड भरना होगा

  • इसकी कुल अवधि 12 महीने की होगी

अमेरिकी सरकार ने एक नई वीजा नीति लागू की है. इस नीति का नाम "वीज़ा बांड पायलट प्रोग्राम" है. यह नियम कुछ चुनिंदा देशों के यात्रियों पर लागू होगा. इस प्रोग्राम के तहत जो भी नागरिक B-1 (बिजनेस) और B-2 (टूरिज्म) वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं उन्हें आवेदन करते समय बॉन्ड जमा करना होगा. यह बांड $5,000 से $15,000  (लगभग 13 लाख रुपए) तक हो सकता है. अगर यात्री समय पर अमेरिका से लौट आता है, तो बांड वापस मिल जाएगा. यह नियम एक साल के लिए पायलट प्रोग्राम के रूप में शुरू किया गया है. इसका मकसद ओवरस्टे करने वालों को रोकना है.

क्यों लाया गया ये नियम?
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह फैसला उन देशों के लिए है, जहां से आने वाले लोग तय समय के बाद भी अमेरिका से वापस नहीं लौटते. यानी ऐसे देशों की ओवरस्टे दर काफी ज़्यादा है. इस बांड सिस्टम का मकसद है कि वीजा लेने के बाद लोग तय समय पर अमेरिका छोड़ दें. अगर कोई वीजा धारक तय समय के भीतर वापस लौट आता है, तो उसे ये पैसा वापस मिल जाएगा.

कौन-कौन से लोग होंगे इस नियम के दायरे में?

  • वे यात्री जो B-1 (बिजनेस) और B-2 (टूरिज्म) वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं.

  • उन देशों के नागरिक जिनकी ओवरस्टे दर बहुत अधिक है.

  • जिन देशों में दस्तावेजों की सिक्योरिटी या पहचान सत्यापन प्रणाली कमजोर है.

  • Citizenship by Investment जैसी योजनाओं से नागरिकता पाने वाले लोग, अगर उन्होंने बिना देश में रहकर नागरिकता ली है.

अभी तक ये साफ नहीं किया गया है कि किन देशों पर यह नियम लागू होगा. लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि पायलट प्रोग्राम शुरू होने से कम से कम 15 दिन पहले प्रभावित देशों की सूची जारी की जाएगी.

किसे नहीं देना होगा यह बांड?

  • वीजा वेवर प्रोग्राम में शामिल देशों के नागरिकों को इस बांड से छूट मिलेगी.

  • कुछ मामलों में व्यक्तिगत स्तर पर भी छूट दी जा सकती है, यह फैसला कांसुलर अधिकारी करेंगे.

ट्रंप सरकार के वीजा नियम हुए और भी सख्त
इससे पहले, कई वीजा श्रेणियों में फेस-टू-फेस इंटरव्यू अनिवार्य कर दिया गया था, जिससे आवेदन प्रक्रिया पहले से ज्यादा सख्त और समय लेने वाली हो गई. इसके अलावा, वीजा डाइवर्सिटी लॉटरी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों के लिए अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उनके पास उसी देश का वैध पासपोर्ट हो, जिसकी वे नागरिकता रखते हैं.

इसका असर क्या होगा?
इस नए बांड नियम से उन देशों के यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है, जिनकी ओवरस्टे दर अधिक है. उन्हें वीजा मिलने से पहले हजारों डॉलर की गारंटी राशि जमा करनी होगी, जो सामान्य यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.